जयपुर: मानसून सत्र में प्रश्न काल के दौरान स्मार्ट मीटर योजना को लेकर हंगामा बरप गया. कांग्रेस विधायकों ने "मोदी मीटर वापस लो" के नारे लगाते हुए वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया और सदन से वॉकआउट भी कर दिया. लक्ष्मणगढ़ विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की तरफ से कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने सरकार से स्मार्ट मीटर योजना को लेकर सवाल पूछा. रोहित बोहरा ने पूछा कि क्या राज्य सरकार ने आगामी निगम और पंचायत चुनावों को देखते हुए स्मार्ट मीटर योजना पर रोक लगाई है? ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस राज में आई यह योजना कहा केंद्र सरकार की RDSS के तहत है. नागर ने कहा कि पिछली सरकार का कैबिनेट मीमो भी उनके पास है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ऊर्जा मंत्री को घेरा.
विधानसभा में स्मार्ट मीटर को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने सामने हो गए. ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सदन को बताया कि फिलहाल स्मार्ट मीटरों की कमी के चलते अस्थाई रूप से सामान्य मीटर लगाए जा रहे हैं, और जैसे ही स्मार्ट मीटर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे, इन्हें बदला जाएगा. इस पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर आम जनता पर बोझ हैं और इन्हें चुनावी लाभ के लिए रोका गया है. विधायक रोहित बोहरा ने सवाल खड़े किए. मूल सवालकर्ता विधायक गोविंद सिंह डोटासरा थे उनकी गैर मौजूदगी में बोहरा ने प्रश्न काल में सवाल किए. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सत्ता पक्ष को घेरा. कांग्रेस विधायक नारे लगाते हुए वेल में पहुंच गए और "मोदी मीटर वापस लो" के जोरदार नारेबाज़ी करने लगे और सदन से वॉकआउट कर गए. कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने वेल में नारेबाजी की कमान संभाली.
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सदन में लगाए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत कांग्रेस सरकार के समय मे ही की गई थी, और इसका मकसद राजस्थान की बिजली आपूर्ति प्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाना है. मंत्री नागर ने स्पष्ट किया कि फिलहाल योजना के तहत केवल सरकारी कार्यालयो में काम किया गया है और इसे आगे भी सुचारु रूप से किया जाएगा.