जयपुर: वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रस्तावित महारैली को सफल बनाने के लिए राजस्थान कांग्रेस पूरी ताकत से जुटी हुई है. रैली में अधिक से अधिक भीड़ लाने के लिए राज्य स्तर पर तैयारियों का दौर पिछले कई दिनों से तेज हो गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राजस्थान से 50 हजार कार्यकर्ताओं को दिल्ली लेकर जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि जयपुर शहर से 8 हजार कार्यकर्ताओं की अगुवाई का निर्देश दिया गया है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ी रैली की तैयारी की है, लेकिन इस रैली की सफलता में राजस्थान की भूमिका सबसे बड़ी होगी. दिल्ली के करीब होने के कारण राजस्थान को रैली की सफलता के लिए विशेष लक्ष्य दिया गया है. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में पूरी पीसीसी रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुट गई है. राजस्थान से करीब 50 हजार लोगों को रैली में ले जाने का लक्ष्य है. राजस्थान संगठन में हाल ही में हुए बदलावों के बीच यह लक्ष्य कांग्रेस नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है.
राज्य में 50 में से 45 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति होते ही उन्हें यह बड़ा दायित्व मिला है. अधिकांश जिला अध्यक्षों ने अभी अपनी कार्यकारिणी या टीम भी गठित नहीं की है. ऐसे में पार्टी ने भीड़ जुटाने की प्रमुख जिम्मेदारी पुराने नेताओं, वर्तमान और पूर्व विधायकों, सांसदों, विधानसभा एवं लोकसभा प्रत्याशियों पर डालने की रणनीति बनाई है. सूत्रों के अनुसार पार्टी 67 विधायकों, 133 विधानसभा प्रत्याशियों और 25 लोकसभा प्रत्याशियों को 500-500 लोगों को जुटाने का टारगेट देने जा रही है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रत्येक नेता को लगभग 5 से 6 बसों की व्यवस्था करनी होगी. इस दिशा में पीसीसी स्तर पर बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू हो चुकी है और जिला एवं ब्लॉक स्तर पर लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं.
-दिल्ली रैली के लिए राजस्थान कांग्रेस की बड़ी तैयारी
-राजस्थान से 50 हजार कार्यकर्ताओं का लक्ष्य
-जयपुर शहर को मिला 8 हजार लोगों का टारगेट
-45 नए जिलाध्यक्षों को मिला बड़ा दायित्व
-विधायकों, सांसदों व प्रत्याशियों को भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया
-हर नेता को 500 समर्थक लाने का टारगेट
- रैली के लिए हर नेता को 5–6 बसें करनी होंगी तैयार
-67 विधायक, 133 विधानसभा प्रत्याशी जुटाएंगे भीड़
-25 लोकसभा प्रत्याशियों को भी 500-500 लोगों की जिम्मेदारी
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि यह रैली ऐतिहासिक होगी और राजस्थान के कांग्रेसी कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने को तैयार है. डोटासरा ने कहा कि . 5 और 6 दिसंबर को जयपुर में रणनीतिक बैठकें होगी. साथ ही हर जिले व ब्लॉक के लिए भी नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
महारैली की तैयारियों को लेकर 5 और 6 दिसंबर को जयपुर में महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठकें आयोजित होंगी. मीडिया प्रभारी स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि डोटासरा इन बैठकों में विधायकों, विधानसभा प्रत्याशियों, सांसदों व लोकसभा प्रत्याशियों के साथ चर्चा करेंगे. साथ ही सभी जिला अध्यक्षों और विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्त समन्वयकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बैठकें लेकर लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करें.
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि यह रैली न केवल पार्टी की ताकत का प्रदर्शन होगी, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ शुरू हुए अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर नई धार भी देगी. यही कारण है कि राजस्थान जैसे बड़े राज्य से भारी संख्या में भीड़ जुटाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुल मिलाकर, दिल्ली महारैली को सफल बनाने के लिए राजस्थान कांग्रेस की तैयारियां पूरे उफान पर हैं. नई नियुक्तियों और बड़े लक्ष्य के बीच पार्टी संगठन एकजुट होकर रणनीति बनाने में जुटा हुआ है. अब नजर 14 दिसंबर पर होगी, जब रामलीला मैदान में राजस्थान से जुटी भीड़ कांग्रेस के इस अभियान को कितनी ताकत दे पाती है.