जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में आलाकमान की लाख कोशिशों के बावजूद राजनीतिक संग्राम आज भी जारी है. आखिर वही हुआ जिसकी आशंका थी ! ना जाने क्यों समझौता फॉर्मूला के बावजूद आलाकमान को आशंका थी ? ऐसे में आलाकमान की तमाम बैठकें और सुलह फॉर्मूला धरे के धरे रह गए. रविवार को सचिन पायलट ने राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम में बिना नाम लिए निशाना साधा.
सचिन पायलट ने कहा कि यहां के लोग कहते हैं कि नौजवानों की मदद की तो मानसिक दिवालियापन हो जाएगा. मैंने 365 दिन वसुंधरा राजे का विरोध किया लेकिन अभी अपनी भाषा की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया. दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने पायलट की मांग पर मानसिक दिवालियापन से जुड़ी दिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि पेपर आउट होने वाले छात्रों की मुआवजे की मांग मानसिक दिवालियापन हैं.
क्या फिर से रि-ओपन हो गया पायलट का चेप्टर ?
ऐसे में एक बार फिर सचिन पायलट ने अपने बागी तेवर दिखाए और राजस्थान कांग्रेस में युद्ध विराम जैसी खबरों पर भी विराम लगाया. आअब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या फिर से रि-ओपन हो गया पायलट का चेप्टर ? पायलट के आक्रामक बयान से कुछ ऐसा ही लगता है. क्या सचमुच एक बार फिर आलाकमान से निराश हो रहे पायलट ? समझौता फॉर्मूला घोषित होने में हो रही देरी से निराश हो रहे पायलट ?