जयपुर: राजस्थान कांग्रेस ने चुनावी आगाज कर दिया है. सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश के सभी संभागों के दौरे कर लिए. सरकार की योजनाओं के असर, सियासी तापमान, सत्ताधारी दल के विधायक की परफॉर्मेंस, प्रभारी मंत्री के कामकाज का आकलन, कार्यकर्ताओं की मनो भावना के साथ वहां के विपक्षी दल की रणनीति को भांपने का काम किया. हालांकि संभाग बैठकों से सचिन पायलट की दूरी रही.
बिकाना से लेकर मेवाड़ तक. कई किलोमीटर के सफर को नापते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने 4 दिन में सात संभागों की यात्रा कर ली और कार्यकर्ता को चुनाव से पहले ऊर्जा भरने का काम किया. बीकानेर संभाग से कांग्रेस नेतृत्व ने संभाग दौरों की शुरुआत की थी. एक तरह से सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ डोटासरा ने इन दौरों के जरिए चुनावी शंखनाद कर दिया.
बीकानेर संभाग:-
बीकानेर संभाग में बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिले आते है. नए जिले के तौर पर बने अनूपगढ़ भी अब इसी संभाग का हिस्सा है. पंजाब से सटे होने के कारण पीसीसी प्रभारी रंधावा का बीकानेर संभाग पर विशेष फोकस है. नहरी क्षेत्र श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ से अभी किसी भी विधायक को मंत्री नही बनाया गया. वैसे संभाग से कांग्रेस का व्यापक प्रतिनिधित्व मिला है. बीडी कल्ला के पास शिक्षा मंत्रालय समेत विभिन्न विभाग है. गोविंद मेघवाल आपदा राहत मंत्री, भंवर सिंह भाटी ऊर्जा मंत्री के पद पर है.
जोधपुर संभाग:-
बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही जिले आते हैं. अब पाली संभाग बन चुका है. फलोदी, बालोतरा और सांचौर जिला बन चुके खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर से आते है. मारवाड़, गोडवाड, मालानी कहे जाने वाले इस क्षेत्र में कांग्रेस को बीते चुनावों में प्रबल जनादेश मिला. हालंकि पाली, जालोर, सिरोही कमजोर रहा. लेकिन बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर शानदार रहा. कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, मंत्री सालेह मोहम्मद मंत्री सुखराम बिश्नोई इसी क्षेत्र से.
भरतपुर संभाग:-
भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर जिले आते हैं. पूर्वी राजस्थान के इन जिलों में बीते चुनाव में कांग्रेस को व्यापक सफलता मिली. मंत्री विश्वेंद्र सिंह, मंत्री भजन लाल जाटव इसी क्षेत्र से.
जयपुर संभाग:-
अलवर, दौसा, जयपुर, झुंझुनू और सीकर जिले हैं. अब सीकर को नया संभाग बना दिया है. कोटपुतली, खैरथल, नीम का थाना, दूदू को नया जिला बनाया गया, प्रदेश कांग्रेस गोविंद सिंह डोटासरा इसी बेल्ट से, मंत्री परसादी लाल मीणा, मंत्री लाल चंद कटारिया, मंत्री महेश जोशी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री राजेंद्र यादव, मंत्री ममता भूपेश, मंत्री टीकाराम जूली आते है.
अजमेर संभाग:-
अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक और नागौर आते है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी इसी बेल्ट से, यहां शाहपुरा नया जिला बना है. टोंक और नागौर में कांग्रेस को शत प्रतिशत सीटें मिली. यहां डीडवाना - कुचामन, ब्यावर, केकड़ी को नया जिला बनाया गया.
कोटा संभाग:-
कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिले आते है. मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री प्रमोद जैन भाया, मंत्री अशोक चांदना इसी बेल्ट से, झालावाड़ में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. वैसे हाड़ौती बीते चुनाव मे कांग्रेस के लिए मजबूत रहा.
उदयपुर संभाग:-
उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, चितौड़ गढ़ जिले आते है. ट्राइबल बेल्ट में कांग्रेस को बीजेपी के साथ साथ ट्राइबल पार्टी से चुनौती. बांसवाड़ा को नया संभाग बनाया. वहीं सलूंबर को नया जिला, बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी इसी क्षेत्र से, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, मंत्री महेंद्रजीत मालवीय, मंत्री अर्जुन बामनिया इसी क्षेत्र से.
कांग्रेस के राज्य आलाकमान ने संभाग कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए नए संभाग और जिलों को लेकर संदेश देने का काम किया है. इस दौरान फीडबैक लेने का काम किया गया. अब सीएम गहलोत, प्रभारी रंधावा और पीसीसी चीफ डोटासरा एक एक जिलों के दौरे पर जाएंगे.
---कांग्रेस नेतृत्व के संभाग वार फीडबैक के प्वाइंट्स---
- गहलोत सरकार की योजनाओं का कितना असर
- नए संभाग और जिलों का असर
- विधायक की परफॉर्मेंस
- प्रभारी मंत्रियों की परफॉर्मेंस
- जातीय और क्षेत्रीय गणित का आकलन
- बीजेपी विधायक की परफॉर्मेंस
- कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी
- स्थानीय सियासी तापमान