Rajasthan Culture: उदयपुर में आयोजित हुआ महिलाओं का अनूठा मेला, जानिए क्या है इसकी खासियत

उदयपुर: लेकसिटी उदयपुर में मंगलवार का दिन आधी आबादी की मस्ती के नाम रहा. शहर में करीब 125 साल से भी ज्यादा पुरानी पंरपरा के निर्वहन की कड़ी में मंगलवार को ऐतिहासिक सहेलियों की बाड़ी और फतहसागर की पाल पर हरियाली अमावस्या के दूसरे दिन महिलाओं के मेले का आयोजन हुआ. इस मेले में सिर्फ महिलाओं और बच्चों का ही प्रवेश रहा जबकि पुरुषों के प्रवेश पर पूरी तरह पांबदी रही. तो आइये आपको भी रूबरू कराते हैं लेकसिटी उदयपुर में आयोजित होने वाले अपनी तरह के खास, सिर्फ महिलाओं के मेले की विविध झलकियों से...

लेकसिटी उदयपुर मे आज हरियाली अमावस्या के दो दिवसीय मेले के दूसरे दिन पूरे मेले पर आधी आबादी का कब्जा रहा. शहर की ऐतिहासिक फतहसागर की पाल और सहेलियों की बाडी रोड पर सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की मटरगस्ती देखने को मिली. दरअसल, मेवाड़ के महाराणा फतहसिंह नें 1898 में अपनी पत्नी चावड़ी रानी के आग्रह पर सिर्फ महिलाओं के लिए इस मेले के आयोजन की शुरुआत की थी.

महिला सशक्तीकरण के लिहाज से मेवाड के महाराणा द्धारा उठाये गये इस अनूठे कदम को सदियों बाद भी स्थानीय प्रशासन बदस्तूर जारी रखे हुये हैं. यही वजह है कि आज महिलाओं के इस मेले में बेरोकटोक महिलाओ नें ना केवल जमकर खरीददारी की बल्कि मनोरंजन के साधनों के रुप में मशहूर चकरी और डोलर में झूलकर सावन के सुहावने मौसम का लुत्फ भी उठाया. अपनी सखी सहेलियो के साथ अलग-अलग समूहों में आई महिलाओं ने ऐसे आयोजनो को और ज्यादा सुगठित करने की भी बात कही.

 

अधिकांश व्यवस्थाओं का जिम्मा भी महिला अधिकारीयों को सौंप दिया:
सिर्फ सखियों के इस मेले का दिलचस्प पहलू यह भी रहा कि स्थानीय प्रशासन नें मेले की अधिकांश व्यवस्थाओं का जिम्मा भी महिला अधिकारीयों को सौंप दिया. यही वजह रही कि मेले की सुरक्षा व्यवस्था में महिला पुलिस जवान और स्पेशल वूमैड स्काँवयड की जवान तैनात रही. उदयपुर शहर और आस पास के अंचल से आई हजारों महिलांए नें जमकर मस्ती की और  मेले में पुरुषों का प्रवेश नही होनें के चलते महिलांए खुद को पूरी तरह से आजाद महसूस करती दिखी. कुल मिलाकर यह मेला ना केवल महिलाओं को खुले वातावरण में अपनें मन की मस्ती करने का जरिया साबित हुआ बल्कि सदियों पहले मेवाड़ के महाराणाओं द्धारा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाये गये सराहनीय कदम की भी मिसाल साबित हुआ.