जयपुर: राजस्थान में चुनावी घमासान शुरू हो चुका है. BSP सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान का रुख कर दिया है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती राजस्थान में आठ चुनावी जनसभाएं करेगी..17, 18, 19 और 20 नवंबर को चुनावी जनसभाएं होगी. 1 दिन में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगी.
सालों पहले कांशीराम ने राजस्थान में बीएसपी की जड़ें जमाई थी. खासतौर पर पूर्वी राजस्थान में ... बीएसपी ने समय समय पर राजस्थान में अपना दम खम जीताया. अब मौजूदा चुनाव में बीएसपी सुप्रीमो मायावती पहली बार राजस्थान का रुख करेगी और चुनावी शंखनाद किया जाएगा. 17, 18 ,19 और 20 नवंबर को मायावती राजस्थान में चुनावी जनसभाएं करेगी. बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा के अनुसार जल्द ही जनसभाओं का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में बीएसपी एकमात्र विपक्षी दल है जिसने सबसे पहले उम्मीदवारों की घोषणा की थी. बहुजन समाज पार्टी का एक जमाने में बोलबाला था. इससे राजस्थान भी अछूता नहीं था. बीएसपी के बैनर तले आज नही बल्कि पहले भी विधायक चुने गए और विधानसभा में पहुंचे. अबकि बार फिर बीएसपी के छह विधायक जीते लेकिन पहले की तरह इस बार भी छह विधायको ने हाथी के सिंबल से जीतकर हाथ का दामन थाम लिया. इस बार बीएसपी ने तय किया है कि कैडर बसे उम्मीदवार को चुनावी समर में उतार जाए जो विधायक बनने के बाद टूटे नहीं. बीएसपी ने आधा दर्जन उम्मीदवार घोषित कर दिए है.
इनमे नदबई और नगर दोनों सीटों से पिछले चुनावों में बीएसपी के टिकट पर नदबई से चुनाव जीते थे जोगिंदर सिंह अवाना और नगर से चुनाव जीते थे वाजिब अली. बीएसपी ने नदबई से भरतपुर के पूर्व जिला प्रमुख और जाट नेता खेम करण तोली को, नगर से मुस्लिम चेहरे और समाजसेवी खुर्शीद अहमद और धौलपुर से कद्दावर ब्राह्मण चेहरे बनवारी लाल शर्मा के रिश्तेदार और पूर्व निकाय चेयरमेन रितेश शर्मा, खेतड़ी से मनोज घुमरिया, करौली से रविंद मीना, बांदीकुई से भवानी सिंह गुर्जर,सादुलपुर से मनोज न्यांगली को उम्मीदवार बनाया है. अर्थ साफ है कि बीएसपी छोड़ कर गए विधायकों के खिलाफ मजबूत मोर्चे बंदी की जा रही. टिकट के गुणा - भाग के अनुसार बीएसपी उम्मीदवार उतार रही. बीएसपी का फोकस है चुनाव में बैलेंस ऑफ पावर बनना.
- पिछले चुनाव में बीएसपी ने झुंझुनूं, अलवर , करौली और भरतपुर बेल्ट में कमाल का प्रदर्शन किया था. तिजारा, किशनगढ़ बास, नगर, उदयपुरवाटी, करौली और नदबई में हाथी के सिंबल पर विधायक जीते थे.
- 16 प्रतिशत के लगभग वोट BSP को केवल अलवर जिले में मिला था, यहां 2 लाख 90 हजार के लगभग वोट मिले थे.
- यहां से तिजारा से संदीप यादव और किशनगढ़ बास से दीपचंद खेरिया चुनाव जीते
- वैसे पूरे राजस्थान में बीएसपी को साढ़े चार प्रतिशत मत मिला था.
- पिछले विधानसभा चुनावों में मतस्य और मेवात क्षेत्र में हाथी का ग्राफ बढ़ा,मायावती का प्रभाव काम आया.
अब बीएसपी का फिर दावा है कि बिना हाथी के राज्य में सरकार नही बनेगी. बहरहाल पिछले अनुभव यही बताते है बीएसपी के जीते विधायक बाद में पाला बदल लेते है. राजेंद्र सिंह गुढ़ा की अगुवाई में छह विधायक बीएसपी से कांग्रेस में गए थे.