Rajasthan Election 2023: साध्वी अनादि सरस्वती ने की कांग्रेस ज्वॉइन, बोली- काम करना और प्रचार करने में अंतर; धर्म की पहचान कर्म से

जयपुर: साध्वी अनादि सरस्वती ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है. पीसीसी वॉर रूम में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी रंधावा और CWC सदस्य मोहन प्रकाश ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई. अनादि सरस्वती स्वतंत्रता सेनानी हेमू कालानी के परिवार से हैं. 

इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अनादि सरस्वती स्वतंत्रता सेनानी हेमू कालानी के परिवार से हैं. देश में आज जिस तरह के हालात है वो भी समझ रही है. हमारी सरकार ने जो काम किए वो किसी ने नहीं किए. हमने गाय माता की सेवा की. हमने जितना अनुदान दिया वो किसी ने नहीं दिया. लंपी रोग के समय भी हमने सबसे ज्यादा काम किया. कामधेनु योजना भी हम जल्द लेकर आ रहे हैं. ऐसे में जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं उनकी चलने वाली नहीं है. 

साध्वी अनादि ने कांग्रेस ज्वॉइन करने के बाद कहा कि काम करना और काम का प्रचार करने में अंतर है. गहलोत सरकार ने गायों के लिए जो काम किया वो आज धरातल पर है. धर्म की पहचान कर्म से है. 

आपको बता दें कि अनादि बीजेपी से टिकट चाह रही थी. सनातन विषय पर खुलकर बोलने वाली अनादि हिंदुत्व विषय पर फायर ब्रांड है. वासुदेव देवनानी के विरोधी चाहते थे अनादि को बीजेपी का टिकट मिले लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब बीते दिन दिनों से कांग्रेस नेताओं से मुलाकात चली. दिल्ली में सीएम अशोक गहलोत समेत 4 प्रमुख नेताओं से जोधपुर हाउस में मुलाकात हुई थी. वहीं कांग्रेस भी अजमेर उत्तर में मजबूत चेहरा ढूंढ रही थी. जिसके जरिए देवनानी के सिंधी वोट में सेंध लगाई जा सके. साथ ही कंग्रेस टिकट से सनातन धर्म का संदेश दिया जा सके. 

साल 1995 में अनादि सरस्वती इस साधना से जुड़ गई:
बता दें कि 44 वर्षीय अनादि सरस्वती अजमेर की रहने वाली हैं. समाजशात्र से एमए किया है और उसके बाद अध्यात्म का मार्ग चुना. आज वह देशभर में कथा करतीं हैं. साल 1995 में अनादि सरस्वती इस साधना से जुड़ गई. अनादि सरस्वती को बेस्ट फीमेल संत ऑफ़ इंडिया के अवार्ड का सम्मान भी मिल चुका. वे अमर शहीद हेमू कालानी की वंशज बताती हैं और चिति संधान योग नाम की एक संस्था की चेयरपर्सन हैं.