जयपुर: बरसात के सीजन के साथ ही राजस्थान मौसमी बीमारियों की जद में है.राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में मौसमी बीमारियां घर-घर में दस्तक दे रही हैं.इस वक्त सबसे बड़ा स्प्रेड आई-फ्लू के रूप में देखा जा रहा है, जिसने पिछले तीस सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है.इसके अलावा डेंगू, मलेरिया,स्क्रब टायफस और चिकनगुनिया ने भी चिकित्सा विभाग की नींद उड़ा दी है. राजस्थान में बरसात के बाद मौसमी बीमारियों की सक्रियता आमबात है, लेकिन इस बार बीमारियों की आहट काफी चिंतनीय नजर आ रही है.एसएमएस समेत प्रदेशभर के अस्पतालों की ओपीडी में इसकी बानगी देखी जा सकती है.मौजूदा हालात पर नजर दौड़ाए तो आई-फ्लू ने सभी की नींद उड़ा दी है.आंखों की इस बीमारी की चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं. खुद चिकित्सा विभाग के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो पिछले एक माह में डेढ़ लाख से अधिक मरीज तो ओपीडी में चिन्हित हुए है.जबकि फील्ड के हालात और भी खतरनाक है.आई फ्लू के पेशेंट्स को लेकर नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों में इस बात की भ्रांति है कि यह संक्रमण हवा में फैल रहा है जबकि यह केवल संक्रमित हाथों या सरफेस के जरिए फैल रहा हैं.
"आई-फ्लू" के संक्रमण से केन्द्र सरकार चिंतित !:
-"CONJUNCTIVITIS" इंफेक्शन को लेकर मांगी राज्यों से रिपोर्ट
-राजस्थान समेत कई राज्यों में "आई-फ्लू" संक्रमण ने तोड़े रिकॉर्ड
-ऐसे में बीमारी के स्प्रेड, दवाओं की उपलब्धता, रोकथाम के प्रयास
-इंफेक्शन के नेचर को लेकर मांगी गई है चिकित्सा विभाग से रिपोर्ट
-हालांकि, चिकित्सा विभाग "आई-फ्लू" के संक्रमण को लेकर अलर्ट
-पिछले एक माह में 1,58,756 मरीज किए जा चुके संक्रमण के चिन्हित
-आमजन को जागरूकता करने के लिए जारी हो चुकी है विस्तृत गाइडलाइन
राजस्थान में "आई-फ्लू" के संक्रमण का रिकॉर्ड !:
-पिछले 2 दशक में "आई-फ्लू" का सबसे बड़ा संक्रमण
-प्रदेशभर में हर गली-मौहल्ले में फैला "CONJUNCTIVITIS"
-बरसात की सक्रियता के साथ ही हर घर में "आई-फ्लू" के मरीज
-पिछले एक माह में 1,58,756 मरीज किए जा चुके संक्रमण के चिन्हित
-SMS समेत सभी अस्पतालों की OPD में संक्रमित मरीजों की भीड़
-खुद नेत्ररोग चिकित्सक "आई-फ्लू" के इस तरह के स्प्रेड से चिंतित
-चिकित्सकों का तर्क ये,बरसात के सीजन में हमेशा आता "आई-फ्लू"
-लेकिन इस बार स्प्रेड के पीछे की वजह है लोगों की कमजोर इम्यूनिटी
-कोविड में स्टेरॉयड के अत्यधिक सेवन से लोगों की कमजोर हुई इम्यूनिटी
मौसम में आए बदलाव के बाद सर्दी-खांसी जुकाम, वायरल बुखार और उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या भी बढ रही हैं. बरसात में मच्छर भी पनपने लगे हैं, जिसके चलते मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों के आंकड़े भी बढे हुए सामने आ रहे हैं. प्रदेश में चिकनगुनिया और स्क्रबटाइपस के रोगियों की संख्या भी यकायक बढ़ी हैं. अस्पतालों में लगी मरीजों की कतारें बता रही है कि किस तरह मौमसी बीमारियां इन दिनों फैलाव ले रही हैं.
इस पूरे मामले को लेकर एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ अचल शर्मा का कहना है कि बरसात के बाद बीमारियों के केस बढते है.ये सही है कि केस बढ़े है, लेकिन उसी अनुपात में ओपीडी से लेकर आईपीडी में संसाधन बढ़ाए गए है.मौसमी बीमारियों के बढ़ते केस को लेकर चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड पर है.सभी जिलों में निर्देश दिए गए है कि बीमारियों के स्प्रेड पर नजर बनाए रखे और मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए.लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में आमजन की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण है.यदि लोग जागरूक रहेंगे और गाइडलाइन की पालना करेंगे तो बीमारियों के स्प्रेड को नियंत्रित रखा जा सकेगा.