VIDEO: नेशनल माइंस मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस, राजस्थान में मिनरल ब्लॉक्स के ऑक्शन की संपूर्ण प्रक्रिया सरल व पारदर्शी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : राजस्थान के माइंस एवं भूविज्ञान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया है कि राजस्थान संभवतः देश का इकलोता प्रदेश है जहां ब्लॉक डेलिनियेशन से लेकर मेजर व माइनर मिनरल ब्लॉक्स के ऑक्शन की संपूर्ण प्रक्रिया विभाग द्वारा स्वयं की जाती है. देश के अन्य खनिज संपदा संपन्न प्रदेशों में आउट सोर्सिंग के माध्यम से थर्ड पार्टी द्वारा ऑक्शन डाक्यूमेंट तैयार करने से लेकर ऑक्शन की प्रक्रिया पूरी की जाती है. 

प्रमुख सचिव की रविकांत ने बताया कि राजस्थान में मिनरल्स के ऑक्शन के बाद भी मार्गदर्शन व आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पोस्ट ऑक्शन फेसिलिटेशन सेल स्थापित किया गया है. टी. रविकान्त मंगलवार को ओडिशा के कोणार्क में केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेशनल माइंस मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन राजस्थान की ऑक्शन प्रक्रिया व बेस्ट प्रेक्टिसेज साझा कर रहे थे. मेजर और माइनर मिनरल्स के लिए विभाग के अलग अलग वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के गठन के बाद से एक्सप्लोरेशन, सेंपल विश्लेषण, डेलिनियेशन और ऑक्षन के लिए ब्लॉक व प्लॉट तैयार करने के काम में तेजी आई है. 

राज्य सरकार द्वारा आरएसएमईटी की कार्यकारी समिति की नियमित बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कार्य को गति दी जा रही है. रविकान्त ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा जो स्वयं खान मंत्री भी है के नेतृत्व में विभाग द्वारा जीरो टॉलरेंस-जीरो लॉस नीति पर कार्य किया जा रहा है. वैध खनन को बढ़ावा देने के लिए ऑक्शन प्रक्रिया का रोडमेप बनाकर आगे बढ़ा जा रहा है. यही कारण है कि राजस्थान मेजर मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन में एक साल में ही समूचे देश में पहले पायदान पर आ गया है. प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि राज्य में ऑनलाईन मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत बनाया जा रहा है. पिछले दिनों ही नई खनिज नीति व एम-सेंड नीति जारी करने के साथ ही नियम जारी करते हुए प्रक्रिया को आसान व राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में सहायता के प्रावधान किये गये हैं. यही कारण है कि राजस्थान में आयोजित राइजिंग राजस्थान इंवेस्टमेंट समिट में एक लाख 83 हजार से अधिक के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित हुए हैं. 

 

स्वयं प्रमुख सचिव स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों से सीधा संवाद कायम किया जाता है जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं.  प्रदेश में वार्षिक कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित करने के साथ ही मोनेटरिंग सिस्टम को चाक चोबंद किया गया है. एसएमई प्रताप मीणा व एसजी संजय दुबे को मेजर मिनरल व  केसी गोयल व सुशील हुडा को माइनर मिनरल में पोस्ट ऑक्शन फेसिलिटेशन सेल बनाया गया है और इस सेल के प्रयासों से टीओआर में लगने वाला समय आधा रह गया है तो पर्यावरण स्वीकृति के कार्य में ईडीएस व एडीएस जेनरेशन के समय में कमी आई है. गौरतलब है कि नेशनल माइंस मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस के पहले दिन राजस्थान को समूचे देश में माइनिंग सेक्टर का पहला पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है. दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स में निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल, अतिरिक्त निदेशक एस एन डोडिया, एस एम ई विजिलेंस प्रताप मीणा भी हिस्सा ले रहे हैं.