जयपुर: राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में बेलगाम हो चुकी मोबाइल ऐप से संचालित कैब कंपनियों पर अब परिवहन विभाग ने लगाम कसने की तैयारी कर ली है. परिवहन विभाग ऐसी कंपनियों पर नियंत्रण के लिए राजस्थान मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम लेकर आने वाला है. इन नियमों के बनने के बाद काफी हद तक ओला और उबर जैसी कंपनियों की मनमानी पर रोक लग जाएगी.
सिर्फ राजधानी जयपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई बड़े शहरों में इन दिनों ओला, उबर, रेपीडो जैसी कंपनियों ने अपना व्यापार खूब बढ़ा लिया है. सिर्फ जयपुर में ही हजारों की संख्या में इन कंपनियों की गाड़ी संचालित हो रही हैं लेकिन चिंता और परेशानी की बात यह है कि यह कंपनियां परिवहन विभाग या सरकार के अधिकतर नियमों की पालना नहीं करती हैं. हर रोज इस कंपनियों की गाड़ियों से जुड़ी सैकड़ों से कह दो लोगों के पास होती हैं लेकिन कई बार शिकायत करने के बाद भी इन कंपनी या कंपनियों के ड्राइवरों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशों के बाद प्रदेश का परिवहन विभाग राजस्थान मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम 2023 जारी करने वाला है. प्रदेश में यह नियम लागू होने के बाद इन सभी कंपनियों को इन नियमों की पालना करनी ही होगी ऐसा नहीं करने पर परिवहन विभाग इन कंपनियों और कंपनियों से जुड़े ड्राइवरों पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है. कई प्रदेशों में यह नियम लागू हो चुके हैं अब उम्मीद की जा रही है कि इसी महीने में परिवहन विभाग में यह नियम बनाकर लागू कर देगा राजस्थान मोटर व्हीकल एग्रीगेटर ड्राफ्ट नियम परिवहन विभाग जारी कर चुका है जिन पर मिली सुझाव और आपत्तियों पर भी परिवहन विभाग के अधिकारी चर्चा कर चुके हैं.
जयपुर समेत प्रदेश के जिन शहरों में अभी ओला ओवर और अन्य कंपनियां अपनी गाड़ियां चला रही हैं उनसे जुड़ी कई ऐसी शिकायतें हैं जिनसे इन गाड़ियों में यात्रा करने वाले लोग परेशान हो चुके हैं. ड्राइवरों की ओर से रेड कैंसिल करना मनमर्जी का किराया वसूलना ड्राइवरों का गलत व्यवहार समेत कई तरह की ऐसी शिकायतें हैं जिनसे लोगों को रोज दो चार होना पड़ रहा है. राजस्थान मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम जारी होने के बाद इस तरह की शिकायतों को परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर सकेगा.
अब आपको बताते हैं मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियमों में क्या प्रावधान हो सकते हैं...
1- कैब चलाने वाले ड्राइवरों की ड्यूटी की अवधि तय होगी इस अवधि से अधिक समय तक वाहन नहीं चला सकेंगे.
2- कैब कंपनी के ड्राइवर अपनी तरफ से राइड कैंसिल नहीं कर सकेंगे अगर वह ऐसा करते हैं तो राइड बुक करने वाले व्यक्ति को पेनल्टी देनी होगी.
3- एग्रीगेटर्स को अपने वाहन चालकों को अच्छे व्यवहार के लिए किसी अधिकृत ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग दिलवानी होगी.
4- एग्रीगेटर्स की एप्लीकेशन पर राइड पूरी होने के बाद ही नई राइड शुरू हो इसका प्रावधान किया जाएगा.
5- परिवहन विभाग सभी एग्रीगेटर्स का किराया नए सिरे से निर्धारित करेगा इसी सूची के आधार पर किराया लिया जा सकेगा.
6- एग्रीगेटर्स को अपने एप्लीकेशन के होम पेज पर कंप्लेंट बॉक्स टोल फ्री नंबर और ऑफिस के पते जैसी सूचना प्रदर्शित करनी होंगी.
7- एग्रीगेटर्स को बढ़िया संचालित करने के लिए परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना होगा.
लाइसेंस जारी करते समय इन सभी प्रावधानों की पालना एप्लीकेशन में होने का डेमो देना होगा उसके बाद ही परिवहन विभाग लाइसेंस जारी करेगा.