जयपुर: अगले 5 साल में राजस्थान 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में मुम्बई में राजस्थान सरकार ने राज्य में निवेश के लिए 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर किए. राइजिंग राजस्थान के तहत आज पहले रोड शो मुंबई में आयोजित किया गया. अदानी ग्रुप, वेदांता ग्रुप, जेएसडब्लू ग्रुप, टाटा ग्रुप, वारी ग्रुप, डालमिया ग्रुप, स्टार सीमेंट जैसे कई बड़े उद्योगपतियों के साथ एमओयू किए गए. ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का पहला ‘इन्वेस्टर मीट’ आज देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में आयोजित किया गया. इस ‘इन्वेस्टर मीट’ के दौरान राजस्थान में निवेश के लिए राज्य सरकार के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन और विभिन्न उद्योगपतियों के बीच 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.
मुख्यमंत्री के अलावा राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इस ‘इन्वेस्टर मीट’ में उद्योग एवं व्यापार जगत की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुए और इस दौरान अक्षय ऊर्जा, सीमेंट, केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स, नागरिक उड्डयन और आईटीआई के अपग्रेडेशन जैसे कई क्षेत्रों में निवेश के लिए एमओय किया गया. प्रदेश में निवेश के लिए जिन प्रमुख भारतीय कंपनियों और औद्योगिक समूहों ने सरकार के साथ एमओयू किया, उनमें अदानी ग्रुप, वेदांता ग्रुप, जेएसडब्लू ग्रुप, टाटा ग्रुप, वारी ग्रुप, डालमिया ग्रुप और स्टार सीमेंट समेत अन्य शामिल हैं. cm ने ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 की आधिकारिक वेबसाइट - https://rising.rajasthan.gov.in/ भी लॉन्च की.
इस इन्वेस्टर मीट में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विकसित राजस्थान का होना जरूरी है. राजस्थान अपार संभावनाओं से लैस प्रदेश है जहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन हैं. इसके अलावा हमारे राज्य में स्किल्ड वर्कफोर्स की भरमार है और यहां निवेश के असीमित अवसर हैं. निवेशक समुदाय, कॉरपोरेट्स और बाकी अन्य संस्थानों को हमारे खूबसूरत राज्य में आने के लिए आमंत्रित किया. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि समिट के पहले इन्वेस्टर मीट में ही हमने राज्य में 4.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश हेतु एमओयू पर आज हस्ताक्षर किए हैं. राजस्थान में संभावनाएं अपार हैं. अगले 5 वर्षों में ही हम राज्य को 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना सकने में सक्षम होंगे.
उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने कहा राजस्थान में केवल एक ही वीआईपी है. वह है राजस्थान में निवेश करने वाला निवेशक. राजस्थान के विकास के अपने सपने को साकार करने के लिए हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति है. इतने कम समय में निवेशकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने हमें बड़े सपने देखने के लिए पंख दिए हैं और ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 को बड़ी सफलता बनाने के लिए हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 तहत हमने स्ट्रेटिजिक सेक्टर्स और राज्य में निवेश के लिए मौजूद अवसरों की पहचान कर रखी है. विकसित राजस्थान @ 2047 की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. आजकल राजस्थान सरकार महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय कुछ ही घंटों में ले लेती है, जबकि पहले ऐसे निर्णय लेने में महीनों और वर्षों का समय लग जाता था. निवेशकों से मिले अब तक की जबरदस्त प्रतिक्रिया से पता चलता है कि राजस्थान और इसकी क्षमता पर उनके विश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. हमारी कोशिश है कि यह गति बरकरार रहे. इस दौरान प्रमुख शासन सचिव अजीत आप शर्मा ने राजस्थान सरकार की उद्योग व्यापार क्षेत्र के सुधार और नीतियों को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेजेंटेशन दिया.
मुख्यमंत्री शर्मा ने देश के कई बड़े उद्योगपतियों से भी मिले और उन्हें राजस्थान में निवेश करने तथा निवेशकों के लिए बनाए जा रहे अनुकूल इको सिस्टम और नीतियों का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया. माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में महिंद्रा एवं महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनन्द महिंद्रा, जेएसडब्लू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल, प्रॉक्टर एंड गैम्बल के भारत और दक्षिण एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर कुमार वेंकटासुब्रमण्यिन, वेदांता ग्रुप की नॉन-एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर और हिंदुस्तान ज़िंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल, एस्सार ग्रुप के ग्रुप डायरेक्टर अंशुमान रुइया, अवादा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल, इमैजिका एंटरटेनमेंट के सीईओ धीमंत बख्शी, और यूपीएल लिमिटेड के राज तिवारी शामिल रहे.
राजस्थान राइजिंग ग्लोबल समिट 2024 के पहले घरेलू इन्वेस्टर मीट में भाग लेने वाले प्रमुख व्यापारिक नेताओं में अदानी सीमेंट्स और अदानी पोर्ट्स, एसईज़ेड और लॉजिस्टिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदानी, टाटा केमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आर. मुकुंदन, टाटा पावर के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. प्रवीर सिन्हा, हिंदुस्तान जिंक के सीईओ और वेदांता लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अरुण मिश्रा, जेके सीमेंट के उप प्रबंध निदेशक और सीईओ माधव सिंघानिया, जेएसडब्लू एनर्जी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ शरद महेंद्रा, सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के सीईओ अक्षय हीरानंदानी और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री सीआईआई के पश्चिमी क्षेत्र की अध्यक्ष स्वाति सालगांवकर समेत अन्य शामिल थे. मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव और रीको के अध्यक्ष अजिताभ शर्मा, उद्योग विभाग और ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन के आयुक्त रोहित गुप्ता और आईएएस सौरभ स्वामी शिवप्रकाश नकाते भी उपस्थित थे.