मुंबई : दिनेश गौतम पत्रकारिता के क्षेत्र में एक बेहद जाना-पहचाना चेहरा हैं और उनका झुकाव हमेशा पटकथा लेखन की ओर था, पत्रकार से लेखक बने इस पत्रकार ने पहले कई प्रसिद्ध नाटकों के लिए लिखा है और अब वह अपनी फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' के लिए तैयार हैं. दिनेश ने फर्स्ट इंडिया न्यूज से अपने सफर और अन्य बातों के बारे में खास बातचीत की.
उन्होंने लिखना कैसे शुरू किया, इस पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि मैं आधिकारिक तौर पर एक पत्रकार हूं इसलिए मेरी थिएटर पृष्ठभूमि के कारण मेरा झुकाव लेखन की ओर था. एक घटना में मैं महेश भट्ट से मिला और उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि मैं लिख सकता हूं. उन्होंने मुझे अपने नाटकों के लिए एक टुकड़ा लिखने को कहा फिर कुछ दिनों में मैंने उनके लिए पूरा नाटक लिखना शुरू किया. मेरे दो सबसे प्रमुख नाटक अगर बात निकलेगी तो और दूसरा उनकी फिल्म डैडी था.
उन्होंने बताया कि मैंने 'मार्कशीट' शीर्षक से कहानी लिखी थी, लेकिन 'चीट इंडिया' के निर्माताओं ने इस प्रोजेक्ट को चुरा लिया था. हमने उनके खिलाफ शिकायत भी की थी और फिर मुझे एक नई कहानी लिखनी पड़ी. यह मेरे लिए दोबारा संघर्ष करने जैसा था. इस तरह से 'अब दिल्ली दूर नहीं' लिखने की कहानी शुरू हुई.
फिल्म की कहानी के बाते में उन्होंने बताया कि ये कहानी बिहार के गाँव के एक लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है और उसके जीवन में अचानक हुई घटनाओं ने उसे आईएएस कार्यालय बनने के लिए मजबूर कर दिया, उसके बाद क्या होता है और पटना से दिल्ली तक की उसकी यात्रा कैसी है. उसके चारों ओर उसके सामाजिक, आर्थिक और सामाजिक राजनीतिक परिवर्तनों को फिल्म में दिखाया गया है, कहानी में लव स्टोरी भी है.
यह बताते हुए कि वह इस प्रोजेक्ट तक कैसे पहुंचे इस बारे में उन्होंने कहा कि कहानी मेरे वास्तविक जीवन से थोड़ी प्रभावित है, एक समय था जब मैं घर पर बीमार था और उस पूरी भावना को फिल्म में बताया गया है इसलिए मैं कहानी के चरित्र से खुद को रिलेट कर सका. आगे उन्होंने कहा कि कहानी के बारे में सोचने के बाद हम महेश भट्ट जी से एक सार के साथ मिले, उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जीवन को पर्दे पर उतारना जरूरी है. उन्होंने हमारा बहुत मार्गदर्शन किया.
उन्होंने पत्रकारिता से स्विच क्यों किया, इस पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि वास्तविकता कल्पना से अधिक मजबूत है, हम देखते हैं कि दैनिक आधार पर चीजें कैसे होती हैं इसलिए सिनेमा और वास्तविकता के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है. इसलिए एक पत्रकार होने के नाते उस ग्राफ को संतुलित करने में मदद मिलती है. फिल्म की बात करें तो यह फिल्म 12 मई को आपके नजदीकी सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है.