जयपुरः राजस्थान क्रिकेट संघ व उसे जुड़े जिला क्रिकेट संघों में इन दिनों 'खुला खेल फर्रुखाबादी' चल रहा है. 400 से ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी घर बैठता है और मैच नहीं खेलने वाला खिलाड़ी आगे चयनित हो जाता है. सिफारिश जब मंत्री की आ जाए, तो फरमान कौन रोक सकता है. यों कहें राजस्थान में क्रिकेट का नहीं बल्कि सिफारिश का खेल चल रहा है.
राजस्थान क्रिकेट संघ में इन दिनों गड़बड़झाला चल रहा है. एडहॉक कमेटी के अलावा आरसीए व जिला संघों का कोई धणीधोरी नहीं है, तो ऐसे में चयन के नाम पर सिफारिश का खुला खेल चल रहा है. मैदान पर खून-पसीना बहाकर रन बनाने वाले खिलाड़ी अपनी पहुंच नहीं होने के कारण मैदान के बाहर बैठे हैं, तो ऊंची पहुंच रखने वाले खिलाड़ी टीम में चयनित हो रहे है. बात चाहे राजस्थान क्रिकेट संघ की हो या फिर उससे जुड़े जिला क्रिकेट संघों की, सभी तरफ एक सी बयार है. आइये आपको चयन में धांधली की एक एक परत खोल कर दिखाते हैं.
RCA में 'खुला खेल फर्रुखाबादी'
मंत्रीजी के फोन से आरसीए ने उतारा "पैराशूटर खिलाड़ी"
भरतपुर के रामावतार गुर्जर का हुआ अचानक चयन
भरतपुर की सीनियर टीम से एक भी मैच नहीं खेला रामावतार ने
लेकिन फिर भी इस पैराशूटर खिलाड़ी का कर लिया चयन
दरअसल एक मंत्री ने किया RCA एडहॉक कमेटी कन्वीनर को फोन
इस फोन के साथ ही रामावतार गुर्जर की हुई 'वाइल्ड कार्ड एंट्री'
सीनियर चयनकर्ता परमिंदर सिंह की भूमिका पर भी उठे सवाल
चयनकर्ता बिजेंद्र यादव, जाकिर हुसैन, अमर सिंह नेगी व अनूप दवे भी बने मूकदर्शक
वहीं कॉल्विन शील्ड में 486 रन बनाने वाले सचिन यादव को रखा बाहर
टूर्नामेंट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को चयनकर्ताओं ने नहीं किया चयनित
आरसीए की अंडर-19 टीम के लिए चैलेंजर ट्रॉफी में भी ऐसे ही हालात
400 पार रन बनाने वाले भरतपुर के तनय थानवी को नहीं चुना गया
लेकिन नाम मात्र के प्रदर्शन वाले कई खिलाड़ी चयनित कर लिए
एक रन बनाने वाले बीकानेर के सचिन लखेसर व 7 रन वाले पाली के विजय कुमावत को चयनित किया
13 विकेट लेने वाले सीकर के हिमांशु नेहरा का नहीं हुआ चयन
कोई विकेट नहीं लेने वाले बारां के तुषार जोशी का कर लिया चयन
12 खिलाड़ी ऐसे चयनित कर लिए जिनका BCCI में रजिस्ट्रेशन ही नहीं
अब बात करते हैं प्रदेश के सबसे बड़े जिला संघ जयपुर की. जयपुर ने तो आरसीए को ही मात कर रखा है. लंबे समय से यहां पर एडहॉक कमेटी बनी हुई है, लेकिन पर्द के पीछे पूर्व पदाधिकारी ही जयपुर संघ को चलाते हैं. एडहॉक कमेटी के कन्वीनर तो महज एक चेहरा है, जिसको आगे रखकर क्रिकेट चलाई जा रही है. असली खेल तो वे पूर्व पदाधिकारी ही है, जिनको बर्खास्त कर दिया गया था. साथ ही जिम्मेदार वे चयनकर्ता भी है, जो कई सालों से इन पदों पर जमे हैं और एकेडमी भी चला रहे हैं. जयपुर में किस तरह खिलाड़ी चुने जाते हैं, इसका उदाहरण भी देख लीजिए.
जयपुर क्रिकेट टीम चयन में धांधली !
प्रभाव व पैसे से टीम चयन करने के लग रहे आरोप
केएल सैनी स्टेडियम पर मैच में एनवक्त पर बदली जाती टीम
आरसीए के कर्मचारी ओम शर्मा अचानक पहुंचते हैं मैदान पर
फिर कोच व कप्तान को निर्देश देकर फाइनल करते हैं एकादश
कर्मचारी होने के साथ-साथ स्कोरर, अंपायर व टूर्नामेंट आयोजक भी हैं ओम शर्मा
जयपुर में कुछ साल पहले हुई 'फिक्सिंग लीग' के दौरान भी चर्चा में थे ओम
जयपुर क्रिकेट संघ के बर्खास्त पदाधिकारी मोहम्मद इकबाल का भी हस्तक्षेप
मुख्य चयनकर्ता विनोद माथुर व अन्य चयनकर्ताओं की भूमिका पर उठे सवाल
ओम ने अपने प्रभाव से बेटे भुवनेश को टीम में करा लिया शामिल
JDCA की एडहॉक कमेटी कन्वीनर अखिलेश मित्तल बने हैं "कठपुतली"
JDCA के बर्खास्त पदाधिकारियों के इशारों पर चल रहे हैं अखिलेश मित्तल
जिन लोगो का एडहॉक कमेटी से कोई सरोकार नहीं
ऐसे पूर्व पदाधिकारी अघोषित रूप से चला रहे एडहॉक कमेटी
अखिलेश मित्तल के "पर्सनल दफ्तर" में होता खिलाड़ियों का चयन