Right to Health Bill: "RTH" गहलोत सरकार की नेक सोच ! मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया ऐतिहासिक कदम, जानिए क्या कुछ कहा

जयपुर: प्रदेश की जनता को आखिरकार सीएम अशोक गहलोत चिकित्सा के अधिकार का तोहफा दे दिया. विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल ध्वनिमत से पारित किया गया, लेकिन चिकित्सक अब भी "नो आरटीएच" की मांग को लेकर आंदोलन का बिगुल बजाए हुए है. आखिर क्या है राइट टू हेल्थ की मंशा, बिल में किस तरह के प्रावधान से जनता को मिलेगा सीधा फायदा और चिकित्सक आंदोलन को लेकर सरकार की क्या है स्टेटरजी, इन सभी ज्वलंत बिन्दुओं पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से खास बातचीत की हमारे वरिष्ठ संवाददाता विकास शर्मा ने...
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"RTH" से मिलेगी इलाज की गारंटी ?
- राजस्थान का "RTH" बिल बनेगा देश में नजीर
- सरकारी संस्थानों में सभी प्रकार की ओपीडी, आईपीडी सेवाएं,
- सलाह, दवाइयां, जांच, आपातकालीन परिवहन,प्रक्रिया और सेवाएं,
- आपातकालीन केयर की सुविधा मिलेगी पूरी तरह से निशुल्क
- सड़क दुर्घटना के घायल व्यक्तियों को मिलेगा निःशुल्क ट्रांसपोर्ट,
- इलाज एवं बीमा के जरिए सभी तरह के अस्पतालों में फ्री ट्रीटमेंट
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हर अस्पताल में मिलेगा गारंटेड इलाज:-
- राजस्थान का "RTH" बिल के प्रावधानों से जुड़ी खबर
- पीएचसी, सीएचसी से लेकर बड़े अस्पतालों के लिए बनेगी सूची
- सभी तरह की चिकित्सकीय सेवाओं की बनेगी सूची, जो होगी अस्पतालों में चस्पा
- सूची में शामिल सेवाएं उपलब्घ कराना होगा अस्पताल में अनिवार्य
- मरीज के परिजनों को इलाज और खर्च से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी होगी उपलब्ध
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सड़क दुर्घटना पीड़ितों को हर अस्पताल में मिलेगा गारंटी इलाज:- 
- राजस्थान का "RTH" बिल के प्रावधानों से जुड़ी खबर
- बिल के प्रावधानों में जोड़ी गई इमरजेंसी शब्द की परिभाषा
- आपात स्थिति में एक्सीडेंटल केस ,सर्पदंश/जानवर के काटने और
- स्टेट हैल्थ ऑथोरिटी की तरफ से तय इमरजेंसी होगी शामिल
- इमरजेंसी प्रसूति केयर भी की गई है आपात स्थिति में शामिल
- यानी गर्भावस्था व प्रेगनेंसी की जटिलता पर तत्काल देना होगा ट्रीटमेंट
- यदि कोई चिकित्सा विधिक(मेडिको-लीगल) को होता है केस
- तो कोई हैल्थ केयर प्रोवाइडर या संस्थान पुलिस अनापत्ति या
- पुलिस रिपोर्ट प्राप्ति के आधार पर ट्रीटमेंट में नहीं करेगा देरी
- आपात स्थिति में उपचार के पश्चात यदि कोई नहीं करता भुगतान
- तो ऐसे केस में सरकार निर्धारित शुल्क के हिसाब से करेगी पुर्नभरण
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मरीज के परिजनों को मिलेगी ट्रीटमेंट की हर सूचना:- 
- राजस्थान का "RTH" बिल के प्रावधानों से जुड़ी खबर
- रोगी के रिकॉर्ड, जांच रिपोर्टों तथा विस्तृत मदवार बिलों की मिलेगी सूचना
- हेल्थ केयर देने वाले व्यक्ति का नाम, उसकी प्रोफेशनल स्टेटस और
- जॉब चार्ट के बारे में जानने का भी मिलेगा रोगी-परिजनों को अधिकार
- महिला रोगी के शारीरिक परीक्षण के दौरान अन्य महिला की उपस्थित होगी अनिवार्य
- किसी उपचार या निर्धारित जांचों के लिए पूर्व सूचित सहमति देने का अधिकार
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अब मरीज मनचाही जगह से ले सकेंगे दवा और जांच सेवा:- 
- राजस्थान का "RTH" बिल के प्रावधानों से जुड़ी खबर
- निजी अस्पतालों के परिसर में स्थित फामेंसी से दवा देने और
- अस्पताल में ही जांच कराने की मॉनोपॉली पर लगेगा अंकुश
- दवा लेने और जांच करवाने का स्थान चयन करने का होगा अधिकार
- किसी अन्य चिकित्सक से सेकेण्ड ओपिनियन का भी रहेगा अधिकार
- इसके लिए सम्बधित चिकित्सालय प्रशासन उपलब्ध कराएगा सम्पूर्ण रिपोर्ट
- चिकित्सक की सलाह के विरूद्ध यदि रोगी अस्पताल छोड़ता है
- तो भी उसे अस्पताल से ट्रीटमेंट समरी लेने का रहेगा अधिकार
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"RTH" को लेकर गठित होंगे दो प्राधिकरण:- 
- राजस्थान का "RTH" बिल के प्रावधानों से जुड़ी खबर
- राज्य स्तर पर दो तरह के प्राधिकरण गठित किए गए हैं
- स्टेट हैल्थ ऑथोरिटी फॉर लॉजिस्टिक ग्रिवान्सेज में आमजन की समस्या होगी निस्तारण
- उपचार एवं इस कानून के तहत तकनीकी सलाह के लिए होगी दूसरी ऑथोरिटी
- स्टेट हैल्थ ऑथिरिटी फॉर ट्रीटमेंट प्रोटॉकाल का किया गया है गठन
- दूसरी ऑथिरिटी में केवल एक सदस्य को छोड़कर सभी विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे
- किसी व्यक्ति को नहीं मिला इलाज या अन्य किसी तरह की हो शिकायत
- तो उसे 15 दिवस के भीतर उसी चिकित्सा संस्थान के प्रभारी को करनी होगी शिकायत
- यदि संस्था प्रभारी 3 दिवस में शिकायत का नहीं करते समाधान
- वह शिकायत जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास होगी अग्रेषित
- जिसे उसको 30 दिवस में निस्तारित करना होगा.
- यदि यहां शिकायत का समाधान नहीं होता है तो
- यह प्रकरण स्टेट हैल्थ ऑथिरिटी फॉर लॉजिस्टिक ग्रिवान्सेज के पास जाएगा