जयपुर : प्रदेश के मेडिकल स्टूडेंट के लिए अब डिजिटल हेल्थ फाउंडेशन कोर्स की शुरूआत होगी. इस कोर्स के जरिए छात्रों और स्वास्थ्यकर्मियों को डिजिटल टूल्स की जानकारी दी जाएगी. कोर्स की शुरूआत को लेकर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS)और कोइटा फाउंडेशन के बीच चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की मौजूदगी में एमओयू साइन किया गया. एमओयू पर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार हरफूल पंकज एवं कोईटा फाउण्डेशन की ओर से को-फाउण्डर एवं निदेशक रिजवान कोईटा ने हस्ताक्षर किए.
इस मौके पर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि देश-दुनिया में डिजिटल हेल्थ का एक नया युग प्रारंभ हुआ है. राजस्थान सरकार भी चिकित्सा के क्षेत्र में तकनीक एवं डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दे रही है. चिकित्सा विभाग ने राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन लागू किया गया है. इसके तहत समस्त स्वास्थ्य सेवाओं को मिशन मोड में ऑनलाइन किया जा रहा है. आमजन के हेल्थ रिकॉर्ड को डिजिटली संधारित करने एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने के लिए आभा आईडी बनाई जा रही है. अब तक 6 करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों की आभा आईडी बनाकर राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है. खींवसर ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा संस्थानों का एक बड़ा आधारभूत ढांचा स्थापित है. इसे बेहतर तरीके से संचालित करने तथा रोगियों को सुविधापूर्वक सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए डिजिटलाइजेशन का विशेष महत्व है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 12 हजार स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में बदला गया है, जिन्हें तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए कम्प्यूटर, लैपटॉप, एलईडी सहित अन्य तकनीकी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. साथ ही, यहां टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परामर्श की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि गांव—ढाणी तक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण पहुंच सुनिश्चित हो. आज हुए एमओयू से प्रदेश के युवा डिजिटल हेल्थ कोर्स का लाभ ले सकेंगे. इससे अस्पतालों में कार्य क्षमता में वृद्धि होगी एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आ सकेगा.
कार्यक्रम में प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड, चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में डिजिटल हेल्थ कोर्स महत्वपूर्ण साबित होंगे. इससे हेल्थ रिकॉर्ड का डिजिटली संधारण होने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस को बढ़ावा मिलेगा. अस्पतालों एवं जांच लैब आदि में प्रबंधन बेहतर हो सकेगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक का उपयोग विगत वर्षों में तेजी से बढ़ा है. प्रदेश में बड़े अस्पतालों में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है. जयपुर के कांवटिया एवं जयपुरिया अस्पताल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ होने के बाद अब जल्द ही सवाई मानसिंह अस्पताल में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा. आरयूएचएस के कुलगुरू प्रो. प्रमोद येवले ने कहा कि भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के माध्यम से एवं नेशनल हैल्थ पॉलिसी में डिजिटल हेल्थ सर्विसेज को प्रमुखता दी है. इसी कड़ी में डिजिटल हेल्थ फाउण्डेशन कोर्सेज के लिए आज हुआ एमओयू प्रदेश में डिजिटल हेल्थ की दिशा में नए युग की शुरूआत है.
कोइटा फाउण्डेशन के निदेशक रिजवान कोईटा ने डिजिटल हेल्थ कोर्सेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में डिजिटल परिवर्तन लाने हेतु डिजिटल हेल्थ शिक्षा को सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है और यह पहल उस दिशा में एक सार्थक योगदान सिद्ध होगी. इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, अधीक्षक डॉ. महेश मंगल, विभिन्न विभागों के डीन एवं विभागाध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.