VIDEO: हादसों पर लगेगी लगाम, डीडवाना-कुचामन में ‘सेफ आई सेफ हाइवे’ अभियान शुरू, देखिए ये खास रिपोर्ट

डीडवाना {नरपत जोया} : डीडवाना-कुचामन जिले में सड़क हादसों को रोकने की दिशा में एक अनोखा और सराहनीय कदम उठाया गया है. जिले में पहली बार ‘सेफ आई सेफ हाइवे’ अभियान की शुरुआत हुई है, जिसका शुभारंभ छापरी-दौलतपुरा टोल प्लाजा से राजस्व राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने किया. 
इस मौके पर मंत्री चौधरी ने अभियान को सड़क हादसों में कमी लाने वाला प्रयास बताया और कहा कि यह केवल स्वास्थ्य शिविर नहीं, बल्कि जनजीवन को बचाने का मिशन है, जिसे वे पूरे प्रदेश में लागू करवाने के लिए सरकार से चर्चा करेंगे. इस अभियान के तहत टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों के चालकों, खासकर ट्रकों के चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. 

चालकों की आंखों की रोशनी, बीपी, शुगर और बीएमआई की जांच की गई और जिनकी नजर कमजोर पाई गई, उन्हें मौके पर ही निःशुल्क चश्मे दिए गए. ब्लड प्रेशर या शुगर की समस्या सामने आने पर उन्हें फौरन दवाइयां और परामर्श भी दिया गया. जिला कलेक्टर डॉक्टर महेंद्र खड़गावत ने बताया कि अभियान के पहले ही दिन 300 से ज्यादा चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई, जिनमें से कई को चश्मे और दवाइयां दी गईं. 

उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न टोल प्लाजा पर अब हर महीने तीन शिविर लगाए जाएंगे, जिसमें चिकित्सा, पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त भागीदारी रहेगी. उनका कहना है कि इस अभियान के जरिए, सड़क हादसों में 25 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है. इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने भी अभियान को सड़क सुरक्षा की बड़ी पहल बताया. 

उन्होंने कहा कि जिला पुलिस और प्रशासन सड़क हादसों को रोकने के लिए एक विस्तृत योजना पर काम कर रहे हैं, जिसमें ब्लैक स्पॉट सुधारने, अन्य कमियां दूर करने और ऐसे स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन भी शामिल है. स्वास्थ्य परीक्षण करवाने पहुंचे ट्रक चालक भी इस पहल से बेहद संतुष्ट नजर आए. पंजाब के हरजिंदर सिंह ने कहा कि व्यस्तता के चलते वह कभी अपना स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करवा पाते थे, लेकिन इस शिविर में उन्हें पता चला कि उनका बीपी हाई है और नजर कमजोर है. 

उन्हें निःशुल्क चश्मा और दवाइयां दी गईं, जिसे वे राहत मानते हैं. वहीं चालक रमेश कुमार ने भी माना कि लंबी दूरी पर वाहन चलाने वाले अधिकतर चालकों को शारीरिक परेशानियों की जानकारी ही नहीं होती और ऐसे शिविर अगर हर टोल प्लाजा पर लगे तो यकीनन हादसों में भारी कमी लाई जा सकती है.सड़क सुरक्षा को लेकर यह पहला ऐसा अभियान है जिसमें वाहन चालकों की परेशानियों को समझते हुए, राहत, स्वास्थ्य और सुरक्षा का एक ऐसा मॉडल खड़ा किया गया है जो आने वाले समय में देशभर में नजीर बन सकता है.