नई दिल्लीः खेल मंत्रालय ने रेसिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पर बड़ा एक्शन लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ की नई टीम की मान्यता रद्द कर दी गयी है. साथ ही खेल मंत्रालय ने नए अध्यक्ष संजय सिंह की भी मान्यता रद्द कर दी है. जिसके बाद फैसले पर पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि कुछ अच्छा हुआ है. बहन बेटियों की लड़ाई थी. हम महिला अध्यक्ष की मांग कर रहे है. सरकार का ये फैसला पहलवानों की भलाई के लिए हुआ है.
यह पहलवानों की बेहतरी के लिए हुआ है. हम तो कहते आ रहे थे कि ये बहन-बेटियों की लड़ाई है. यह पहला कदम है. मैं इसके समर्थन में हूं. ताकि बच्चियां सुरक्षित रहें. हम तो महिला अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं. जब साक्षी से सवाल किया गया कि संजय सिंह सरकार के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है और मैं अपनी टीम से बात करने के बाद ही इस पर टिप्पणी करूंगी.
वहीं बृजभूषण सिंह ने कहा कि संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं है. संजय सिंह भूमिहार हैं ,मैं राजपूत हूं . ये सब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चयन हुआ है. खिलाड़ियों के भविष्य के लिए फैसला लिया है. खेल का वातावरण शुरू करना चाहते थे. मेरे काम का समय मूल्यांकन करेगा. 12 साल तक कुश्ती के लिए काम किया है. पूर्व अध्यक्ष के नाते बैठक में गया था. 21 दिसंबर को कुश्ती से नाता तोड़ चुका हूं. अब कुश्ती संघ आगे क्या करेगा मैं नहीं कह सकता. मैं लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगा हुआ हूं. सरकार को दिल्ली में टूर्नामेंट कराना चाहिए. यौन शोषण का मामला कोर्ट में है.
बता दें कि हाल ही में भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव हुए थे जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी. जिस पर पहलवान लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे थे. इस कारण से साक्षी मलिक ने कुश्ती भी छोड़ने का ऐलान कर दिया था. तो वहीं बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री आवास के सामने अपना पद्मश्री रख दिया था.