जयपुर : प्रदेश में कोरोना भले समाप्त होने के कगार पर हो, लेकिन मौसमी बीमारियों ने एकबार फिर चिकित्सा विभाग की टेंशन बढ़ा दी है. बरसात की शुरूआत के साथ ही कुछ जिलों में एकाएक मौसमी बीमारियों के केस बढ़ने लगे है, जिसके चलते खुद एसीएस शुभ्रा सिंह ने मॉनिटरिंग की कमान संभाली है. सभी जिलों में फील्ड अधिकारियों को स्पेशल एक्टिविटी के निर्देश दिए गए है, साथ ही यह भी तय किया गया है कि जुलाई माह में लोगों को जागरूक करने के लिए "मेरा स्वास्थ्य मेरी जिम्मेदारी" कैम्पेन चलाया जाएगाआखिर क्या है मौसमी बीमारियों की फील्ड रिपोर्ट और विभाग की तैयारियां.
सूबे की जनता पर एकबार फिर मौसमी बीमारियों का संकट मंडरा रहा है. हालांकि, चिकित्सा विभाग के आंकड़ों में हालात नियंत्रण में है, लेकिन फिर भी अभी से ही मौसमी बीमारियों की रोकथाम व ट्रीममेंट को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. हाल ही में एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह मौसमी बीमारियों की फील्ड रिपोर्ट जानने के लिए सभी सीएमएचओ से वीसी के जरिए कनेक्ट हुए और विस्तार से चर्चा की वीसी में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे, जिसमें फीडबैक मिला कि आगामी दिनों में डेंगू का स्प्रेड देखने को मिल सकता है. ऐसे में एसीएस ने निर्देश दिए कि जुलाई माह को एन्टी डेंगू माह के रूप में मनाया जाए अभियान की डे टू डे मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ आर पी माथुर को सौंपी गई है.
मौसमी बीमारियों का तीन साल का रिपोर्ट कार्ड
2021
मलेरिया : शून्य मौत, 925 पॉजिटिव केस
डेंगू : 62 मौत, 20141 पॉजिटिव केस
चिकनगुनिया : शून्य मौत, 1044 पॉजिटिव केस
2022
मलेरिया : एक मौत, 1565 पॉजिटिव केस
डेंगू : 10 मौत, 12979 पॉजिटिव केस
चिकनगुनिया : शून्य मौत, 186 पॉजिटिव केस
2023
मलेरिया : शून्य मौत, 338 पॉजिटिव केस
डेंगू : शून्य मौत, 580 पॉजिटिव केस
चिकनगुनिया : शून्य मौत, 27 पॉजिटिव केस
इन आंकड़ों को देखे तो अभी मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया केस पिछले सालों के मुकाबले काफी कम है, लेकिन विभाग ने ऐतियातन स्पेशल ड्राइव चलाने का फैसला किया है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक एन्टी डेंगू माह के तहत जुलाई में मेरा स्वास्थ्य मेरी जिम्मेदारी अभियान चलाया जाएगा. इसमें सभी जिलों की एएनएम, आशा सहयोगिनियों की टीमें बनाकर घर घर सर्वे के लिए भेजी जाएगी. साथ ही मच्छरों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए एन्टीलार्वल एन्टीएडस्ट एवं सोर्स रिडेक्शन गतिविधियां भी आयोजित होगी.
मौसमी बीमारियों की आहट के साथ ही चिकित्सा विभाग जिस तरह से सक्रिय हुआ है, वो अच्छा प्रयास है. विभाग ने न सिर्फ मॉनिटरिंग पर विशेष फोकस शुरू किया है, बल्कि जिन जिलों में केस ज्यादा सामने आ रहे है, वहां राज्य स्तर से टीमें भेजने का भी फैसला किया है. डेंगू व मलेरिया के हाई रिस्क जिले जैसे अलवर, दौसा, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जैसलमेर व उदयपुर में टीमें भेजी भी जा रही है. विभाग की इस सक्रियता के बाद अब आमजन की भी जिम्मेदारी बढ़ गई है. क्योंकि लोगों की भागीदारी से ही मौसमी बीमारियों को पूरी तरह से रोका जा सकता है.