केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की रिहाई से पत्नी और बच्चे बेहद खुश

लखनऊ: रेहाना और उसके बच्चों मुजम्मिल, जिधान और मेहनाज के लिए लगभग ढाई साल का तकलीफदेह इंतजार बृहस्पतिवार की सुबह खत्म होकर खुशी में बदल गया जब कप्पन के जेल से बाहर आने के बाद ये लोग उससे फिर से मिले.

कप्पन लखनऊ जिला कारागार से 28 महीने बाद बृहस्पतिवार की सुबह बाहर आए. राहत महसूस कर रहे कप्पन ने रिहा होने के कुछ देर बाद पीटीआई-भाषा से कहा, "मैं दिल्ली जा रहा हूं. मुझे वहां छह हफ्ते रहना है. यह पूछे जाने पर कि जेल में जीवन कैसा रहा, कप्पन ने कहा कि मैंने बहुत संघर्ष किया.

 मैं दोहराती हूं कि कप्पन एक मीडियाकर्मी:
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन जैसे ही लखनऊ जिला जेल से बाहर आए, उनके परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ गई .कप्पन के वकील मोहम्मद धानीश के.एस. के मुताबिक, कप्पन ने करीब ढाई साल जेल में बिताए .कप्पन की पत्नी रेहाना ने पीटीआई-भाषा से कहा, "दोनों मामलों में कप्पन को जमानत मिले महीनों हो गए हैं. उच्च न्यायालय ने यूएपीए मामले में जमानत दे दी थी और उनकी बेगुनाही सामने आ गई. ढाई साल कम समय नहीं है. हमने बहुत दर्द और पीड़ा का अनुभव किया है. लेकिन मुझे खुशी है कि देर से ही, न्याय मिला. मैं दोहराती हूं कि कप्पन एक मीडियाकर्मी हैं.'

उनकी खुशी छीन ली गई थी:
यह पूछे जाने पर कि अब बच्चे कैसा महसूस कर रहे हैं, रेहाना ने कहा, "हमारे बच्चे उनके (कप्पन के) स्वागत का इंतजार कर रहे हैं. उनकी खुशी छीन ली गई थी. वे हर दिन उनका इंतजार कर रहे थे. क्या वे अपने पिता को भूल सकते हैं? वे गर्व से कहते हैं, सिद्दीकी कप्पन, एक पत्रकार, उनके पिता हैं.

कदीजा अब कप्पन को देखने के लिए नहीं:
कप्पन के बड़े बेटे मुजम्मिल (19) ने पीटीआई-भाषा से कह कि मेरे पिता मीडियाकर्मी हैं. ढाई साल से मेरे पिता की इतनी पीड़ा का क्या कारण है? हम उनकी आजादी का इंतजार करते रहे. बहुत खुश हूं. उन सभी को धन्यवाद, जो हमारे साथ हैं." कप्पन और रेहाना के दो बेटे मुज़म्मिल (19) और ज़िधान (14) और एक बेटी मेहनाज़ (9) है. हालांकि, कप्पन की मां कदीजा अपने बेटे को घर वापस आते देखने के लिए अब जीवित नहीं हैं. उनका जून 2021 में निधन हो गया. रेहाना ने बताया कि जब वह जेल में थे, तब उनकी मां की मृत्यु हो गई थी. कदीजा अब कप्पन को देखने के लिए नहीं है.

एक दलित महिला की मौत हो गई थी:
इस बीच, मोहम्मद धानीश के.एस. ने कहा कि कप्पन 5 अक्टूबर, 2020 से जेल में थे. उन्होंने कहा कि कप्पन को कोविड के इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में भर्ती कराया गया था, और वह बीमार मां से मिलने के लिए घर भी गए थे. कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. तब वे सब हाथरस जा रहे थे, जहां कथित रूप से बलात्कार के बाद एक दलित महिला की मौत हो गई थी.

प्रौद्योगिकी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया: 
आरोपी को तीन अन्य लोगों - अतिकुर रहमान, आलम और मसूद - के साथ मथुरा से अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. उन तीनों पर पीएफआई के साथ संबंध रखने तथा हिंसा भड़काने के षडयंत्र का हिस्सा होने का आरोप है. कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम एवं सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. सोर्स-भाषा