SMS Hospital Fire : मां का स्ट्रक्चर खुद बाहर निकाल कर लाया बेटा, भर्ती मरीजों के परिजनों ने सुनाई दिल दहल जाने वाली आपबीती

SMS Hospital Fire : मां का स्ट्रक्चर खुद बाहर निकाल कर लाया बेटा, भर्ती मरीजों के परिजनों ने सुनाई दिल दहल जाने वाली आपबीती

जयपुर : राजधानी जयपुर के SMS अस्पताल में लगी भीषण आग से 6 पुरुष और 2 महिलाओं समेत 8 मरीजों ने जान चली गई है. इस हादसे में जान गवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए ये केवल हादसा नहीं बल्कि जिंदगी की सबसे दर्दनाक याद है. जहां एक बेटे ने अपनी मां को आग से बचाकर बहार लाया. तो एक बेटी अपनी मां को आखरी समय पर मिल मिल भी नहीं पायी.

प्रत्यक्षदर्शियों मे से एक ने दर्दनाक मंजर को बयां करते हुए बताया कि 11:20 बजे के आसपास ICU में धुआं दिखने लगा था. इस बारे में उसने मौजूद स्टाफ और चिकित्सकों को सूचना दी. लेकिन स्टाफ ने कहा कि मशीन गर्म हो गई होगी जिसके चलते धूंआ आ रहा है. जिसके कुछ ही देर बाद ही धूंआ ज्यादा हो गया और स्टाफ के लोग भाग निकले. और हम सभी वहीं फस गए. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इसके बाद उसने अपनी मां को स्ट्रेक्चर खिंचकर बाहर निकाला. धूंआ इतना ज्यादा था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, सांस रुक रही थी. जबतक वह अपनी मां को सुरक्षित स्थान पर लेकर पहुंचा तब तक मां बेहोश हो गई थी.

वहीं खुसमा देवी की बेटी ने बताया कि हादसे के समय वह बहार बैठी थी. डॉक्टर अंदर जाने नहीं दे रहे थे, उसे यह भी नहीं बताया गया की उसकी मां की जान चली गई है. उसने स्टाफ से कई बार पूछा लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. खुसमा देवी की बेटी रोते हुए कहती है कि अगर पहले ध्यान दिया गया होता तो आज उसकी मां आज जिंदा होती. लेकिन इतना बड़ा हादसा हो गया इसके बावजूद तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया गया.  

मृतकों के नाम-
1. पिंटू (सीकर)
2. दिलीप (आंधी)
3. श्रीनाथ (भरतपुर)
4. रुक्मणि (भरतपुर)
5. खुसमा (भरतपुर)
6. बहादुर (सांगानेर)
7. सर्वेश (आगरा)
8. दिगंबर वर्मा (आगरा)

SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्या बताया?
SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने इस घटना को लेकर कहा कि घटना के वक्त वार्ड में 11 से 12 मरीज मौजूद थे. सभी मरीजों को वार्ड से शिफ्ट किया गया है. पहले फेज के 5-6 मरीजों को निकाला गया. 4-5 मरीजों को बर्न इंजरी हुई है.

SMS अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर:
इस अग्निकांड में SMS अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई है. ICU धुआं-धुआं होता रहा लेकिन जिम्मेदारों ने सुध नहीं ली. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 11:20 बजे के आसपास ICU में धुआं दिखने लगा था. इस बारे में परिजनों ने मौजूद स्टाफ और चिकित्सकों को सूचना दी. लेकिन इसके बावजूद तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया गया. और देखते ही देखते आधे घंटे के भीतर आग ने विकराल रूप ले लिया और 11 मरीज फंस गए.  

हालांकि इस दौरान 3 से 4 मरीजों को बाहर निकाला गया. लेकिन फिर भी 6 से 7 मरीज आग की लपट और धुआं में फंस गए. संभवतया अंत में बड़ी जद्दोजहद में निकाले 6 से 7 मरीजों में से ही 6 ने जान गंवाई. इससे पहले भी SMS अस्पताल में  आग लगने की घटनाओं की बड़ी लापरवाही उजागर हो चुकी है.