नयी दिल्ली: टाटा स्टील ने कम कॉर्बन उत्सर्जन की इस्पात विनिर्माण प्रक्रिया के विकास के लिए जर्मनी के एसएमएस समूह के साथ भागीदारी की है. टाटा स्टील ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत दोनों कंपनियां आगे तकनीकी चर्चा करेंगी और एसएमएस समूह द्वारा विकसित ईजीमेल्ट (इलेक्ट्रिक-एसिस्टेड सिनगैस स्मेल्टर) प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप से औद्योगिक प्रदर्शन करेंगी.
हम बदलाव तलाश रहे हैं- नरेंद्रन
बयान में कहा गया है कि यह प्रदर्शन टाटा स्टील के जमशेदपुर संयंत्र के ई ब्लास्ट फर्नेस में किया जाएगा. इसका उद्देश्य कॉर्बन उत्सर्जन में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी लाना है. ईजीमेल्ट तकनीक एक लोहा बनाने वाला समाधान है जिसे मौजूदा इस्पात संयंत्रों को कॉर्बन-मुक्त करने के लिए लागू किया जा सकता है. टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा, हम सक्रिय रूप से हरित इस्पात उत्पादन की ओर बदलाव के लिए समाधान तलाश रहे हैं, जिससे हरित भविष्य में योगदान दे सकें. इसके अलावा भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है. ऐसे में टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों के ऊपर कॉर्बन उत्सर्जन कम करने की देश की यात्रा में योगदान करने की बड़ी जिम्मेदारी है. सोर्स भाषा