राजस्थान समेत देशभर में बढ़ेगा जनऔषधि केन्द्रों का दायरा, पीएमबीजेपी के सीईओ दाधीच बोले- वर्ष 2024-25 में एक हजार करोड़ की हुई बिक्री

जयपुरः फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना) के सीईओ रवि कुमार दाधीच आज जयपुर दौरे पर रहे. इस दौरान दाधीच ने पीएमबीआई के वेयर हाउस का अवलोकन किया और केंद्र संचालकों से बातचीत की. इस मौके पर राजस्थान के नोडल अधिकारी दिव्यांशु शर्मा, एसएमओ शुभम भार्गव व इंडियन मेडिकल हॉल के प्रबंधक पवन अरोड़ा ने दाधीच का स्वागत किया. इस दौरान दाधीच ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस साल जन औषधि केंद्रों ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.वर्ष 2024-25 में जन औषधि केंद्रों से जरिए एक हजार करोड़ की बिक्री हुई. उन्होंने बताया कि 10 वर्षों में जनऔषधि केन्द्र के माध्यम से 30,000 करोड़ रुपए बचाए गए. दाधीच ने केन्द्रों के विस्तार को लेकर कहा कि अभी देशभर में 14000 केन्द्र हो गए है. पिछले सालों में केन्द्रों में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा.उन्होंने दावा किया कि अगले 2 साल में देश में 25000 जन औषधि केंद्र होंगे. 

अगले दो सालों में देश में होंगे 25000 से अधिक जन औषधि केंद्र
जयपुर आए पीएमबीजेपी के सीईओ रवि कुमार दाधीच ने किया अवलोकन
जयपुर स्थित पीएमबीआई के वेयर हाउस का किया दाधीच ने अवलोकन
इस मौके पर राजस्थान के नोडल अधिकारी दिव्यांशु शर्मा, एसएमओ शुभम भार्गव व
इंडियन मेडिकल हॉल के प्रबंधक पवन अरोड़ा ने किया दाधीच का स्वागत
इस मौके पर दाधीच ने मीडिया से बातचीत करते हुए केन्द्रों का बताया प्लान
उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में केन्द्रों की संख्या में 170 गुना की बढ़ोत्तरी
2014 में 80 केन्द्र थे, जो अब देश के सभी जिलों को कवर करते हुए हो गए 14,000
उन्होंने दावा किया कि अगले 2 साल में देश में 25000 जन औषधि केंद्र होंगे

देशभर में रोजाना एक लाख लोगों को सेवा दे रहे जन औषधि केंद्र
जयपुर आए पीएमबीजेपी के सीईओ रवि कुमार दाधीच का दावा
मीडिया से बातचीत में दाधीच ने जनऔषधि केन्द्रों को लेकर दी जानकारी
उन्होंने बताया,PMBJP के उत्पाद समूह में 2047 दवाएं-300 सर्जिकल उपकरण शामिल
केन्द्रों से रोजाना एक लाख से अधिक लोगों को कार्डियोवस्कुलर, कैंसर रोधी, मधुमेह रोधी,
संक्रमण रोधी, एलर्जी रोधी, गैस्ट्रो-आंतों की दवाएं समेत सभी तरह की औषधियां मिल रही है
हमारी कोशिश है कि इन दवाओं की सूची का दायरा भी बढ़ाया जाए ताकि लोगों को राहत मिले