जयपुर: गड़बड़ियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाला परिवहन विभाग प्रभावशाली फ़िटनेस सेंटरों के सामने सरेंडर कर चुका है. जयपुर में पहले ऑटोमेटिक टेस्टिंग व्हीकल पी स्क्वायर फ़िटनेस सेंटर पर भारी शिकायतों के बाद भी परिवहन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है.
परिवहन विभाग गड़बड़ियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति से कार्रवाई का दावा करता है. लेकिन परिवहन विभाग का यह दावा खोखला साबित हो रहा है, क्योंकि परिवहन विभाग प्रभावशाली लोगों के फ़िटनेस सेण्टरों पर कार्रवाई नहीं नहीं कर रहा है. सामान्य लोगों से जुड़े फ़िटनेस सेंटरों पर तुरंत कार्रवाई करने वाले परिवहन विभाग की हालत यह है कि महापुरा अजमेर रोड पर जयपुर के पी स्क्वायर फ़िटनेस सेंटर को शुरू हुए क़रीब एक साल हो गया है लेकिन आज तक परिवहन विभाग का कोई अधिकारी इस सेंटर को चेक करने तक मौक़े पर नहीं गया है. जबकि इस सेंटर की कारगुज़ारियों और गड़बड़ियों से वाहन चालक बुरी तरह से परेशान है.
पी स्क्वायर फ़िटनेस सेंटर पर वाहन चालकों से मनमानी फ़ीस वसूली जा रही है लेकिन शिकायतों के बाद भी परिवहन विभाग इस सेंटर पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इतना ही नहीं इस फ़िटनेस सेंटर पर बिना वाहन आये भी वाहनों की फ़िटनेस जारी होने की शिकायतें भी हैं लेकिन इसके बाद भी परिवहन विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हुए हैं.
महापुरा अजमेर रोड पर संचालित पी स्क्वायर फ़िटनेस सेंटर पर परिवहन विभाग पहले ही दिन से मेहरबान रहा है,, इस फ़िटनेस सेंटर को मान्यता देने के लिए परिवहन विभाग ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए कृषि भूमि पर ही अनुमति दे दी. इस मामले को लेकर डिप्टी CM डॉ प्रेमचंद बैरवा ने भी कड़ी नाराज़ी जताते हुए रिपोर्ट माँगी है और नये ATS को मान्यता देने पर भी अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. लेकिन इसके बाद भी रिटायर्ड अधिकारी के दबाव और प्रभाव के कारण परिवहन विभाग नियमों को ताक पर रख कर चल रहे इस सेंटर पर परिवहन विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं.
परिवहन विभाग की ACS श्रेया गुहा और परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा से सवाल
1- पी स्क्वायर व्हीकल फ़िटनेस सेंटर को कृषि भूमि पर मान्यता क्यों दी गई.
2- डिप्टी CM डॉ प्रेम चंद बैरवा की नाराज़ी के बाद भी इस फ़िटनेस सेंटर पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
3- शिकायतों के बाद भी इस फ़िटनेस सेंटर को चेक करने परिवहन विभाग का कोई अधिकारी क्यों नहीं गया.
4- क्या रिटायर्ड अधिकारी के दबाव में परिवहन विभाग इस फ़िटनेस सेंटर पर कार्रवाई नहीं कर रहा है.