जयपुरः प्रदेश में लैंड पूलिंग स्कीम के लिए अपनी भूमि उपलब्ध कराने वाले खातेदारों के लिए अच्छी खबर है. खातेदारों मुआवजे में मिली भूमि का अधिकतम उपयोग कर सकेंगे. शहरों के मास्टर प्लान में दर्शाए भू उपयोग को धरातल पर उतारने और किसी इलाके के नियोजित विकास के लिए पिछली भाजपा सरकार में लैंड पूलिंग कानून वर्ष 2016 में लागू हुआ था. बाद में इसके नियम में अधिसूचित कि गए थे.
प्रदेश में फिलहाल राजधानी जयपुर में दो लैंड पूलिंग स्कीम प्रस्तावित की गई है. इनमें से एक शिवदासपुरा इलाके में 163.5 हेक्टर भूमि पर और डिग्गी-मालपुरा रोड इलाके में 172.31 हैक्टेयर भूमि पर लैंड पूलिंग स्कीम प्रस्तावित की गई है. आपको सबसे पहले इन दोनों स्कीम्स की देते हैं विस्तृत जानकारी
--फागी रोड इलाके में 172.31 हेक्टेयर भूमि पर लैंड पूलिंग स्कीम प्रस्तावित की गई है
-इस योजना की उत्तर-पूर्व सीमा पर रिंग रोड योजना की बाहरी सड़क है
-योजना की दक्षिण पूर्व सीमा पर डिग्गी मालपुरा सड़क है
-योजना की दक्षिण-पश्चिम सीमा पर डिग्गी मालपुरा रोड को जयसिंहपुरा ऊर्फ तेजावाला को जोड़ने वाली सड़क है
-यह सड़क जोनल विकास योजना की प्रस्तावित 30 मीटर चौड़ी सड़क है
-योजना की उत्तर-पश्चिम सीमा पर राजस्व ग्राम अचरावाला,जयसिंहपुरा उर्फ तेजावाला और अभयपुरा रिंग रोड योजना से जोड़ने वाली सड़क है
-यह सड़क जोनल विकास योजना की प्रस्तावित 30 मीटर चौड़ी सड़क है
-इस स्कीम में अचरावाला तेजावाला और अभयपुरा गांव की जमीन शामिल है
-जेडीए ने इस स्कीम का ड्राफ्ट प्लान आपत्ति व सुझाव आमंत्रित करने के लिए जारी कर दिया है
-शिवदासपुरा इलाके में 163.51 हैक्टेयूर भूमि पर दूसरी लैंड पूलिंग स्कीम प्रस्तावित की गई है
-लैंड पूलिंग स्कीम के अंदर 40 फीट से लेकर 200 फीट तक चौड़ी सड़के प्रस्तावित की गई हैं
-टोंक रोड की तरफ जोनल डेवलपमेंट प्लान की 200 फीट और 300 फीट चौड़ी सड़क प्रस्तावित की गई है
-जबकि दूसरी तरफ बरखेड़ा की तरफ 100 फीट चौड़ी सड़क प्रस्तावित की गई है
-स्कीम की अधिकतर भूमि का मास्टर प्लान में आवासीय भू उपयोग है
-जबकि शेष भूमि का रीक्रिएशनल, पब्लिक और सेमी पब्लिक भू उपयोग है
-इस स्कीम के ड्राफ्ट प्लान पर आपत्ति व सुझाव आमंत्रित किए जा चुके हैं
-इनका निस्तारण कर प्लान मंजूरी के लिए सरकार को भेजा गया था
-राज्य सरकार ने प्लान तो मंजूर कर दिया,लेकिन अभी तक लैंड पूलिंग ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की है
-इसके चलते फाइनल प्लान बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया है
इन दोनों लैंड पूलिंग स्कीम्स में खातेदारों को यथासंभव उसी की भूमि में से ही विकसित भूमि का मुआवजा दिया जाएगा. लेकिन मुआवजे में मिली भूमि के अधिकतम हिस्से का खातेदार उपयोग कर सके. इसको लेकर जेडीए की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी है. आपको बताते हैं कि जेडीए की ओर से क्या प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा और यह प्रस्ताव भेजा जाना आखिर क्यों है जरूरी है
-शिवदासपुरा की लैंड पूलिंग स्कीम के ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक प्रभावित खातेदारों को बतौर मुआवजा 46.60 प्रतिशत विकसित भूमि दी जाएगी
-इसी तरह डिग्गी मालपुरा रोड की लैंड पूलिंग स्कीम के प्लान के मुताबिक प्रभावित खातेदारों को बतौर मुआवजा करीब 49 फीसदी भूमि दी जाएगी
-एक खाते की भूमि के बदले विकसित भूमि का एक ही चक खातेदारों को देने की तैयारी है
-ऐसे में खातेदार अगर अपनी भूमि पर भूखंड सृजित करते हैं तो टाउनशिप नीति के प्रावधानों के मुताबिक पालना करना जरूरी होगा
-भूखंड व सुविधा क्षेत्र के बीच 60:40 के अनुपात के प्रावधान की पालना करना जरूरी होगी
-मुआवजे में मिली भूमि में से 40 प्रतिशत भूमि अगर सड़क व सुविधा क्षेत्र में चले जाने से खातेदारों के पास भूखंड सृजित करने के लिए कम भूमि उपलब्ध होगी
-इसी के चलते जेडीए इस प्रावधान में छूट देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी की जा रही है
-इस प्रस्ताव के तहत खातेदार को विकसित भूमि पर केवल सड़क के लिए ही भूमि उपलब्ध करानी जरूरी होगी
-नगर नियोजन के विशेषज्ञों का मानना है पूरी लैंड पूलिंग स्कीम में पार्क व अन्य सुविधाओं के लिए के लिए भूमि आरक्षित करने का प्रावधान है
-ऐसे में मुआवजे की भूमि पर पूरे सुविधा क्षेत्र के लिए भूमि आरक्षित करने की जरूरत नहीं हैं