VIDEO: आखिर क्या होगी परिणाम बाद कांग्रेस की लीडरशिप, नतीजे तय करेंगे राजस्थान कांग्रेस का कौन होगा किंग, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान की सीटों के लोकसभा चुनाव परिणामों से यह सियासी तस्वीर भी साफ हो जाएगी कि कांग्रेस में किस नेता का कद बढेगा और किसका घटेगा. मसलन रिजल्ट अगर अच्छा रहेगा तो डोटासरा को एक्सटेंशन मिल जाएगा मगर नतीजे विपरीत रहने पर फिर कुर्सी खतरे में भी आ सकती है. वहीं पायलट,गहलोत औऱ हरीश चौधरी जैसे दिग्गजों की चुनाव बाद क्या भूमिका होगी,यह तस्वीर भी परिणाम से साफ हो जाएगी.

लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर सभी को 4 जून की तारीख का अब बेसब्री से इंतजार है. नतीजों से राजस्थान की कांग्रेस लीडरशिप का भविष्य क्या होगा. किस दिग्गज नेता का रुतबा कायम रहेगा और किस का विकेट गिर सकता है. इन सब सवालों का जवाब रिजल्ट के बाद ही मिलेगा,.लिहाजा राजनीति के जानकार और सियासी पंडित अभी से अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद डोटासरा औऱ हरीश चौधरी को लेकर सियासी आंकलन में जुटे हुए हैं. आइए सियासी संभावनाओं के जरिए आपके बताते है कि इन चारों दिग्गज नेताओं को लेकर रिजल्ट बाद क्या सियासी संभावनाएं बनती दिख रही है.

अशोक गहलोत-
कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत का अब आगे क्या रहेगा कांग्रेस गलियारों और नेताओं की जुबां पर इन दिनों इस सवाल की बेहद चर्चाएं है. इस सवाल का वैसे तो जवाब मिलेगा चार जून को लेकिन अगर कईं फैक्टर पर बात करें तो सबसे पहले सबकुछ निर्भर करेगा बेटे वैभव गहलोत की हार-जीत पर अगर वैभव गहलोत अगर जीत जाते है तो फिर सियासी जादूगर का यकीनन वैभव बरकरार रहेगा. वहीं मारवाड़ सहित पूरे राजस्थान में कांग्रेस अच्छी सीटे जीत गई तो गहलोत के लिए सोने में सुहागा होगा. इन सबके साथ अगर अमेठी सीट भी कांग्रेस जीत गई तो पार्टी औऱ गांधी परिवार में फिर उनका पुराना रुतबा भी बरकरार रहेगा. हालांकि उनके सियासी कद को देखते हुए नहीं लगता कि राजस्थान में वो पार्टी में किसी बड़े पद को लेने में रुचि रखेंगे. वहीं अगर जालौर से लेकर अमेठी तक अगर सबकुछ विपरीत रहा तो फिर जादूगर के ओहरे में डेंट लग जाएगा.

गोविंद डोटासरा-
राजस्थान कांग्रेस के कप्तान गोविंद डोटासरा ने नो डाउट इस बार चुनाव में खुद को साबित करके दिखाया. उम्मीदवार चयन और डांसिंग प्रचार स्टाइल से डोटासरा ने अपनी अलग छवि कायम की. अपने फटकारों वाले भाषणों से सबको प्रभावित किया. अब अगर कांग्रेस राजस्थान में इस बार खाता खोलते हुए अच्छी सीटें लाने में कामयाब होती है तो उसका एक बड़ा क्रेडिट सीधे डोटासरा को जाएगा.वहीं शेखावाटी में अगर कांग्रेस क्लीन स्वीप करती है तो फिर डोटासरा के सियासी रुतबे में चार चांद लग जाएगे. ऐसे में डोटासरा फिर पीसीसी चीफ पोस्ट पर यकीनन बरकरार रह सकते हैं. लेकिन अगर नतीजे विपरीत आए तो डोटासरा की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा जाएगा. फिर अन्य कईं नेता प्रदेशाध्यक्ष की लॉबिंग में जुट जाएंगे औऱ किसी गुर्जर,जाट,ब्राह्मण या फिर मीना वर्ग के नेता को इस कुर्सी पर मौका मिल सकता है.

सचिन पायलट-
राजस्थान के नतीजे सचिन पायलट की सियासत के लिए काफी अहम रहेंगे. क्योंकि पायलट की सिफारिश पर कईं जगह कांग्रेस ने टिकट बांटे थे. जयपुर ग्रामीण,टोंक, दौसा, करौली, जोधपुर, झुंझुनूं, भरतपुर, और श्रीगंगानगर की सीटों पर उनकी पसंद औऱ सिफारिश पर प्रत्याशी तय किए गए थे. इन सीटों पर पायलट की सिफारिश के प्रत्याशी जीत जाते है तो सचिन पायलट का कद बढ जाएगा. उसके बाद सचिन पायलट का यकीनन राजस्थान की राजनीति में दखल औऱ कद दोनों बढ जाएंगे. ऐसे में सचिन पायलट फिर खुद पीसीसी चीफ बनने का भी दावा कर सकते है या अपनी पसंद के किसी नेता के लिए भी लॉबिंग कर सकते हैं. पर नतीजे नकारात्मक आने पर पायलट फिर राष्ट्रीय महासचिव की अपनी भूमिका निभाते रहेंगे.

हरीश चौधरी-
कांग्रेस में गोविंद डोटासरा के बाद मजबूत औऱ स्थापित जाट नेताओं में गिनती होती है हरीश चौधरी की हरीश चौधरी की आलाकमान से भी काफी नजदीकियां है. जिस तरह उन्होंने बाड़मेर लोकसभा सीट से उम्मेदाराम बेनीवाल को चुनाव लड़वाया पूरे देश में इस चुनाव की चर्चा रही. अगर कांग्रेस यहां जीती तो इसका सीधा सियासी फायदा हरीश चौधरी को मिलेगा. परिणाम बाद अगर पीसीसी चीफ जाट को हटाकर किसी जाट नेता को बनाने की संभावना बनी तो उसमें सबसे प्रमुख नाम हरीश चौधरी का ही हो सकता है. लेकिन चुनाव हारने पर फिर हरीश चौधरी के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं. फिर पहले की तरह केन्द्र की राजनीति में काम करते रहेंगे.

तो ये वो सियासी संभावनाएं थी जो चुनाव परिणाम बाद इन चारों दिग्गज नेताओं को लेकर हो सकती है. लिहाजा आमजन के साथ चारों नेताओं को भी रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है. अब मुकद्दर ने इनकी क्या सियासी तकदीर तय की है और परिणाम बाद राजस्थान कांग्रेस का किंग कौन होगा यह तो नतीजों के बाद ही जाहिर होगा.