Yogini Ekadashi 2024: 4 शुभ योग में 2 जुलाई को मनाई जाएगी योगिनी एकादशी, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि

Yogini Ekadashi 2024: 4 शुभ योग में 2 जुलाई को मनाई जाएगी योगिनी एकादशी, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि

जयपुर: सनातन धर्म में एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है. हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है. एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में. धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं. जुलाई के महीने में योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी पड़ेगी. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के नाथ भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है. 

वर्ष 2024 में 02 जुलाई को योगिनी एकादशी है. योगिनी एकादशी पर वैष्णव समाज के लोग व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं. साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए विशेष उपाय भी करते हैं. भगवान विष्णु की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. योगिनी एकादशी पर 4 शुभ योग का निर्माण हो रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से एकादशी व्रत करने से जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है. इसलिए कहा जाता है कि लोगों को यह व्रत जरूर रखना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि  साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं. ऐसे में कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं, जो बेहद कठिन होता है. इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो भी एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है. ऐसे में आषाढ़ माह में आने वाली योगिनी एकादशी का महत्व अधिक बढ़ जाता है. आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार 2 जुलाई 2024 के दिन ये व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने पर पापों से मुक्ति मिलती हैं. ये भी कहा जाता है कि इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है. इस दिन व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर का फल प्राप्त होता है.

योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त 
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि  पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 01 जुलाई को सुबह 10:26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इसका समापन 02 जुलाई को सुबह 08:42 मिनट पर पर होगा. ऐसे में 02 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा.

धृति योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि योगिनी एकादशी पर धृति योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन धृति योग सुबह 11:17 मिनट तक है. इसके बाद शूल योग का निर्माण होगा. धृति योग में भगवान विष्णु की पूजा करना परम फलदायी होगा.

त्रिपुष्कर योग
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि योगिनी एकादशी तिथि पर त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 08:37 मिनट से हो रहा है और समापन 03 जुलाई को सुबह  04:40 मिनट पर होगा.

सर्वार्थ सिद्धि योग
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि योगिनी एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 05:27 मिनट से हो रहा है और समापन 03 जुलाई को सुबह  04:40 मिनट पर होगा. इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी.

शिववास योग
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि योगिनी एकादशी पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन भगवान शिव सुबह 08:42 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे. इसके बाद नंदी पर सवार रहेंगे. भगवान शिव के कैलाश और नंदी पर विराजमान रहने के दौरान अभिषेक करने से साधक को सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है.

योगिनी एकादशी पूजा विधि
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा का विधान है. साथ ही पीपल के वृक्ष की पूजा भी करनी चाहिए. इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करना अधिक शुभ होता है. फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद उनकी विधि अनुसार पूजा करे और योगिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़ें. बाद में विष्णु जी की आरती करें. इस दिन आप जरूरतमंद लोगों को भोजन व दान दक्षिणा भी दे सकती हैं, इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जप
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि. तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
विष्णु मंगल मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः. मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

योगिनी एकादशी व्रत के नियम
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि योगिनी एकादशी व्रत के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए. एकादशी का व्रत नहीं रखने वालों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन बाल, नाखून, और दाढ़ी कटवाने की भूल न करें. योगिनी एकादशी के दिन ब्राह्मणों को कुछ दान अवश्य करना चाहिए. एकादशी व्रत के पारण करने के बाद अन्न का दान करना शुभ माना गया है.