राजस्थान यूनिवर्सिटी का 33 वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल कलराज मिश्र बोले- संविधान को बदला नहीं संशोधन किया जा सकता है

जयपुरः राजस्थान यूनिवर्सिटी का आज 33 वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलगीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. RIC में विवि का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र, डिप्टी सीएम डॉ.प्रेमचंद बैरवा, विवि कुलपति अल्पना कटेजा मंच पर मौजूद रहे. 

दीक्षांत समारोह में कुल 1,66,139 डिग्रियों का  वितरण हुआ. 126 गोल्ड मेडल और 476 पीएचडी डिग्री वितरित हुई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने डिग्री और मेडल दिए. ऐसे में उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने पिछले दिनों हवा बनायी कि संविधान को बदला जाएगा. संविधान को बदल नहीं सकते, संविधान में संशोधन हो सकता है. संशोधन का प्रावधान है. समय के अनुरूप जो कानून हितकारी हो वह बना सकते हैं. संविधान बदलने के लिए लोकसभा, राज्यसभा में बहुमत होना चाहिए. फिर विधानसभा में जाएगा, उसमें गड़बड़ होगी तो न्यायपालिका है. यह काम आसान नहीं है. जनमानस में भ्रम पैदा नहीं करना चाहिए. हमारा दुनिया का सबसे अच्छा संविधान है. संविधान गीता, कुरान व बाइबल के जैसा है. 

सभी विश्वविद्यालयों में बने संविधान पार्कः
कुलाधिपति के रूप में मेरी पहली प्राथमिकता है. सभी विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बने. इसके पीछे मेरी मंशा थी कि नई पीढ़ी संविधान को समझे. संविधान से जुड़ी सोच देश के हित में आवश्यक उपकरण है. संविधान स्तंभ पर तीन बिंदु सबसे अहम है. नागरिकों के अधिकार, राष्ट्र के प्रति नागरिकों का कर्तव्य है. राज्य के नीति निदेशक तत्व. ते तीनों तत्व लोकतंत्र के संरक्षण और विकास के संगठक है. 

कुछ वर्षों में शिक्षा का तेजी से हुआ प्रसारः
यह समय हमारी आजादी का अमृतकाल है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान शिक्षा का तेजी से प्रसार हुआ है. शिक्षा के लिए गांव के विद्यार्थी शहर की ओर आ रहे है. शिक्षा से उनके सपने और पंख पसार रहे हैं. नए ज्ञान को सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा. 

विश्वविद्यालय का इतिहास बहुत ही प्रेरकः
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शोध और अनुसंधान को विकसित करने की पहल करे. आज देखा ये जाता है कि PHD,D.LITT आदि में जो शोध होता है. उसी में हेरफेर कर अपने नाम से प्रकाशित कर लिया जाता है. यह प्रवृत्ति बहुत ही ज्यादा घातक है. इस विश्वविद्यालय का इतिहास बहुत ही प्रेरक रहा है. यहां से निकले विद्वानों ने देश और दुनिया में बड़ी उपलब्धियां अर्जित की है. तुम जितना ही अधिक सीखोगे उतनी ही तुम्हारी विद्या में वृद्धि होगी. 

नई शिक्षा नीति विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास पर देती है जोरः
हमारी नई शिक्षा नीति जो देश में लागू हुई है. वह विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास पर जोर देती है. मैंने भी नई शिक्षा नीति के कुछ बिंदुओं का अध्ययन किया है. नई शिक्षा नीति शोध अनुसंधान पर जोर देती है.