जयपुरः अंता उपचुनाव पर संशय गहरा गया है. राज्यपाल के पास कंवरलाल मीणा की दया याचिका विचाराधीन है. सजा माफी को लेकर सरकार पहले ही सिफारिश भेज चुकी है, अब गेंद राजभवन के पाले में है. चुनाव आयोग ने अंता सीट पर उपचुनाव का कार्यक्रम जारी किया है, ऐसे में 13 अक्टूबर तक नामांकन होना है.
क्या अंता की चुनाव प्रक्रिया रोकी जा सकती है ? कानूनी विशेषज्ञों ने संवैधानिक जटिलता की आशंका जताई है. अगर राज्यपाल ने सजा तीन साल से कम की तो कंवरलाल की सदस्यता बहाली संभव है. अंता उपचुनाव बना राजस्थान की सियासत का हॉट स्पॉट है. ऐसे में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
राजभवन में पहुंची फाइल पर सियासत तेज हो गई है, जिसके बाद अब फैसला अंता का राजनीतिक भविष्य तय करेगा. कंवरलाल मीणा की दया याचिका पर जल्द फैसला संभव है. राज्यपाल बागड़े के निर्णय का इंतजार है. अंता उपचुनाव संवैधानिक प्रक्रिया और राजनीतिक नैतिकता की परीक्षा बनेगा.