भजनलाल कैबिनेट की बैठक के निर्णय, प्रवासी राजस्थानियों के लिए नया विभाग गठित करने का हुआ निर्णय

भजनलाल कैबिनेट की बैठक के निर्णय, प्रवासी राजस्थानियों के लिए नया विभाग गठित करने का हुआ निर्णय

जयपुर : भजनलाल कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए गए. प्रवासी राजस्थानियों के लिए नया विभाग गठित करने का निर्णय हुआ. राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी का अनुमोदन हुआ. RVUNL व सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के मध्य ज्वॉइंट वेंचर कंपनी का गठन होगा.    

राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग' प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच संवाद के लिए होगा. संवाद और सहयोग के लिए यह एक सशक्त मंच उपलब्ध करवाएगा. जिससे प्रवासियों का अपनी मातृभूमि से जुड़ाव और मजबूत होगा. विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विश्व पटल पर ब्रांड राजस्थान को प्रोत्साहित करने का कार्य भी होगा.  

विभाग विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराएगा. प्रवासी राजस्थानी दिवस, प्रवासी राजस्थानी सम्मान समारोह करेगा. और प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक्सचेंज कार्यक्रमों का भी आयोजन करेगा. प्रवासी राजस्थानी एसोसिएशन्स के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल का संचालन भी विभाग करेगा. प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव के दौरान सीएम ने घोषणा की थी. प्रवासी राजस्थानियों के लिए विशेष विभाग स्थापित करने की घोषणा की थी.

राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 का अनुमोदन हुआ. इस नीति का प्रमुख उद्देश्य जीसीसी की स्थापना और विस्तार करना है और इसके जरिए प्रदेश को एक वैश्विक नवाचार और निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करना है. यह नीति वर्ष 2030 तक राजस्थान में 200 से अधिक जीसीसी स्थापित करने, 1.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ देश के 100 अरब डॉलर के GCCबाजार में महत्वपूर्ण योगदान देने पर केंद्रित है.

जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे शहरों को GCC हब के रूप में विकसित करेगी. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की स्थापना के लिए रिप्स-2024 के प्रावधानों का लाभ मिलेगा. इसमें परियोजना लागत (भूमि और भवन लागत को छोड़कर) का 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. या अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक की पूंजी निवेश सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही, भूमि या लीज एरिया की लागत का 50%(अधिकतम 1 करोड़ रुपए) तक प्रतिपूर्ति लैण्ड कॉस्ट इंसेन्टिव मिलेगा. 

कर्मचारियों के वेतन पर पहले तीन वर्षों तक 30%(अधिकतम 1.25 लाख प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) की पेरोल सब्सिडी मिलेगी. पॉलिसी में किराए पर संचालित इकाइयों को पहले तीन वर्षों तक किराए का 50% का सहयोग मिलेगा. और अगले दो वर्षों के लिए 25% अधिकतम 5 करोड़ रुपए प्रति GCC प्रति वर्ष तक रेंटल असिस्टेंस के रूप में मिलेगा. कर्मचारियों के कौशल विकास को प्रोत्साहित करने हेतु प्रशिक्षण लागत का 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति राशि होगी. 

अधिकतम ढाई करोड़ रुपए प्रति जीसीसी प्रति वर्ष तक प्रतिपूर्ति पात्रतानुसार की जाएगी, पेटेंट, कॉपीराइट आदि की लागत पर 50 प्रतिशत सहायता, स्टांप ड्यूटी और बिजली शुल्क पर छूट भी दी जाएगी. 15 हजार 600 करोड़ की ऊर्जा परियोजनाएं  स्थापित होंगी. आरवीयूएनएल और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के बीच ज्वॉइंट वेंचर कंपनी के गठन  का अनुमोदन होगा. इस कंपनी में आरवीयूएनएल और एससीसीएल की हिस्सेदारी क्रमशः 26 प्रतिशत और 74 प्रतिशत होगी.

यह जेवी खदान स्थल पर 9,600 करोड़ रुपए की लागत से 800 मेगावाट की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना स्थापित होगी. और राजस्थान में 6,000 करोड़ रुपए की लागत से 1500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी. सिरोही में स्थित राजकीय महाविद्यालय, कालन्द्री का नाम संघवी हीराचन्दजी फूलचंदजी किया. राजकीय महाविद्यालय कालन्द्री और राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर का नाम बदला है. नामकरण मातुश्री पुरीबाई पुनमाजी माली टोरसो राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर करने का भी भी अनुमोदन किया. इस निर्णय से दानदाताओं का सम्मान बढ़ने के साथ-साथ अन्य दानदाताओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा.