जयपुरः चिरंजीवी योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना करने के बाद अब भजनलाल सरकार योजना को पब्लिक फ्रेण्डली बनाने पर फोकस कर रही है. इसके लिए एक तरफ जहां योजना से जुड़े निजी अस्पतालों के क्लेम की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में प्लान किया जा रहा है, वहीं दूसरी ये भी कवायद जारी है कि महंगे इलाज के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए. आखिर क्या है आयुष्मान आरोग्य योजना को लेकर प्लानिंग, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की चिरंजीवी योजना पर राजनीति गरमाई हुई है. चिकित्सा मंत्री ने योजना को सिर्फ एक आईवॉश बताया है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस जीवनदायनी योजना बता रही है.लेकिन इन राजनीतिक बयानबाजी के बीच भजनलाल सरकार ने इस योजना में कई बदलाव करने की दिशा में काम तेज कर दिया है.
योजना में शामिल तमाम स्टेक हॉल्डर की दिक्कतों को दूर कर नए सिरे से योजना लाई जाएगी. चिरंजीवी योजना का नाम पहले ही मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया है, अब इसमें बदलाव कर मरीजों को सुलभ इलाज, निजी अस्पताल और इश्योरेंस कंपनी की दिक्कतों को दूर करने और राज्य सरकार की भूमिका...तीनों की चीजों पर मंथन का दौर जारी है. चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि हम इस योजना को सफल बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीजों को करीब 3 लाख रुपयों तक का इलाज चाहिए होता है. ट्रांसप्लांट और अन्य मंहगे इलाज के लिए राज्य सरकार अलग से बजट का प्रावधान रखेगी. ऐसे मामलों में राज्य सरकार सीधा पैसा देगी. हालांकि अभी ये सब विचाराधिन प्रक्रिया में है.
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने सबसे पहले हम भामाशाह योजना लेकर आए थे,लेकिन चिरंजीवी योजना में कई तरह की कमियां थी,पिछली सरकार छाती ठोककर 25 लाख रुपयों के इलाज का दावा करती थी,लेकिन प्रदेश में सिर्फ एक ही केस में 13 लाख का इलाज मिला है. जबकी सिर्फ दो-तीन केस में आठ लाख रुपयों का इलाज मिल पाया है. इसके अलावा अधिकांश केस में मरीजों को इलाज 3 लाख रुपए या उससे नीचे ही रहा है. खींवसर ने कहा कि योजना को पब्लिक फ्रेण्डली बनाने की दिशा में काम जारी है. सब कुछ फाइनल होने के बाद इस योजना की नए सिरे से विधिवत घोषणा होगी. चिकित्सा मंत्री की माने तो मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से प्रदेश के हर परिवार को फायदा मिलेगा. इसके लिए योजना से जुड़े प्रत्येक स्टेक हॉल्डर से विचार विमर्श किया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि नए बदलावों से मरीजों को और राहत मिल पाएगी.