भारत मंडपम में वीर बाल दिवस पर समारोह, प्रधानमंत्री मोदी बोले, हर पहलू में भारत नई बुलंदियों की ओर जा रहा

नई दिल्ली: भारत मंडपम में वीर बाल दिवस पर समारोह का आयोजन किया गया. भारत मंडपम में 100 छात्रों का सामूहिक शबद कीर्तन हुआ. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं के सपने असीम हैं. मेरा विश्वास देश के युवाओं, नौजवानों पर है. हमारी सरकार युवाओं की साथी बनी. हमने स्टार्टअप्स के लिए युवाओं को मुद्रा लोन दिया. आज देश में सवा लाख से ज्यादा स्टार्टअप है. पहले युवाओं को गारंटी देने के लिए कोई नहीं था.

भारत चंद्रगुप्त का देश, एकलव्य का देश:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को याद कर रहा है, उनसे प्रेरणा ले रहा है. आजादी के अमृतकाल में 'वीर बाल दिवस' के रूप में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है. पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था. तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था. पीएम मोदी ने कहा कि हर पहलू में भारत नई बुलंदियों की ओर जा रहा. वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत की भूमिका है. भारत चंद्रगुप्त का देश, एकलव्य का देश है. आज के नौजवान हमारा विश्वास हैं. आज के बच्चे, भारत के कर्णधार है. यही समय है, सही समय है.

भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है. ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती.वीर बाल दिवस' अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है.  ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, UAE और ग्रीस में भी वीर बाल दिवस से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं. भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी, उनके महान करतूतों से सीखेगी. जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया, दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया.

आज का भारत निकल रहा है गुलामी की मानसिकता से बाहर:

आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं, तो दुनिया का भी नजरिया बदला है. मुझे खुशी है कि आज का भारत 'गुलामी की मानसिकता' से बाहर निकल रहा है.आज के भारत को अपने लोगों पर, अपने सामर्थ्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा पूरा भरोसा है. आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है. आज के भारत में भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान, गोविंद गुरु का बलिदान पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देता है. हमें इस मिट्टी की आन-बान-शान के लिए जीना है, हमें देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है. हमें इस महान राष्ट्र की संतान के रूप में, देश को विकसित बनाने के लिए जीना है,  जुटना है, जूझना है और विजयी होकर निकलना है. आज भारत, दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा देश है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था. जब उस युवाशक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवाशक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है. यह कल्पना से परे है.