VIDEO: प्रमुख मुद्दे और मांग ! बजट से पहले कर्मचारियों के साथ मुख्यमंत्री गहलोत का संवाद, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बुधवार को 5 घंटे 45 मिनट तक सचिवालय में किए गए बजट पूर्व संवाद से कर्मचारियों में ताजगी भरा उत्साह का संचार हुआ है. संवाद के बाद उन्हें काफी अरसे की समस्याओं के समाधान की और युवाओं और महिलाओं के साथ कर्मचारियों के हित में फिर एक बार अप्रत्याशित घोषणाओं की उम्मीद बंधी है. सीएम गहलोत ने 8 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पूर्व कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के साथ सचिवालय में संवाद किया. इसमें उन्होंने बेहद इत्मीनान से संघों के एक-एक प्रतिनिधि की मांगों और सुझावों को गंभीरता से सुना और अमल किए जा सकने वाले विचारों को लेकर अधिकारियों के साथ डिस्कशन भी किया. 

यह रखे गए प्रमुख मुद्दे और मांगें:
-OPS को लागू करने की सराहना की.
-हालांकि इसमें छोटे के कर्मचारियों के वर्ग को भी शामिल करने और इसकी विसंगति दूर करने की मांग.
-संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग
-तकनीकी कर्मचारी और मंत्रालय कर्मचारियों की वेतन विसंगति सुधारने की मांग. 
-टेक्निकल कर्मचारियों की पदनाम परिवर्तन की पत्रावली का निपटारा करने की मांग.
-वर्क चार्ज कर्मचारियों की पदोन्नति जल्द शुरू करने की मांग.
-अधीनस्थ मंत्रालय कर्मचारियों का वेतन सचिवालय के पैटर्न पर करने की मांग.
-कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन करने की मांग.
-महिला कर्मचारियों को माहवारी अवकाश देने की मांग
-शिक्षा विभाग में नए नियमों में संशोधन करते हुए पदोन्नति करने की मांग.
-ग्रामीण क्षेत्र में लगे कर्मचारियों को दस प्रतिशत ग्रामीण भत्ता देने की मांग.
-पुलिस कर्मियों को वरिष्ठता के अनुसार पदोन्नति देने की मांग.
-पांचवी अनुसूची के तहत वेतन कटौती वापस लेने की मांग.
-खेमराज कमेटी, सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करके उसे लागू करने की मांग.
-ओपीएस लागू करने के बावजूद नहीं खोले गए जीपीएफ के खाते खोलने की मांग.

निजी सचिव/निजी सहायक संवर्ग की मांग:
-पदोन्नति का पांचवा पद सृजित करने की मांग
-निजी सचिव की ग्रेड पे 6600
-700 पदों पर नयी भर्ती करने की मांग
-निजी सहायक को पहली पदोन्नति 3 साल में सुनिश्चित करने की मांग.
-राजस्व विभाग के निजी सहायक को तहसीलदार पद पर पदोन्नति का अवसर दिए जाने की मांग.
-चयनित वेतनमान 9, 18, 27 के स्थान पर 8,16, 24,32 करके पदोन्नति के चार अवसर देने की मांग.
-सचिवालय के समान मंत्रालय कर्मचारियों की द्वितीय पदोन्नति 4200 ग्रेड पे पर करने की मांग.

 ग्रेड पे 9840 को पुनः बहाल करने की मांग:
-संविदा कर्मचारियों की सेवा में पूर्व की अवधि  को जोड़ने की मांग.
-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एमटीएस नाम देने की मांग.
-पेंशनर्स को वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने की मांग.
-सभी कैडर के सेवा नियम में संशोधन और पदनाम परिवर्तन करने की मांग.
-तीसरी संतान पर दंडात्मक कार्यवाही की अवधि को सीनियरिटी में गिनने की मांग.
-सभी विभागों में नई भर्ती करने की मांग
-पुलिस विभाग के कर्मचारियों की हार्ड ड्यूटी एलाउंस को डबल करने की मांग.
-प्रोबेशन अवधि में नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं देने की मांग.

मुख्यमंत्री की ओर से सारे कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनके साथ मैराथन बैठक करने को कई कर्मचारी संगठन ऐतिहासिक मान रहे हैं. अपनी तरह का यह पहला मौका देख कर कई कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि चेताने और ठोकने के बावजूदतय समय से ज्यादा समय तक अपनी बात कहते रहे.