जयपुर: लगातार चुनावी हार के बाद कांग्रेस अब अपने संगठन के स्ट्रक्चर में बदलाव करने की कवायद में जुट गई है. कांग्रेस का थिंक टैंक संगठन के संविधान में बदलाव करने सहित कईं कदम उठाने पर विचार कर रहा है. जैसे अब दूसरे दलों से कांग्रेस में आने वाले नेताओं को दस साल तक कोई पार्टी में पद नहीं मिलेगा. वहीं बूथ और ग्रास रुट पर संगठन की मजबूती के लिए भी कईं नवाचार अपनाए जा सकते हैं.
पहले हरियाणा में अप्रत्याशित औऱ फिर महाराष्ट्र में करारी हार के बाद अब कांग्रेस हाईकमान को पूरा फोकस सबसे पहले संगठन को नई धार देने पर है. लिहाजा कांग्रेस के रणनीतिकार औऱ थिंक टैंक संगठन की मजबूती की कवायद में जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि इसके लिए कांग्रेस हाईकमान नें संगठन के स्ट्रक्चर में कईं बड़े बदलाव करने के निर्देश दिए हैं. लिहाजा इसके तहत पार्टी के संविधान में भी बदलाव करने जैसे बड़े फैसले भी लिए जाएंगे.
- अब दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को शामिल होते ही कांग्रेस में नहीं मिलेंगे पद
- करीब दस साल तक संगठन में उन्हें फिर पद नहीं दिए जाएंगे..
- AICC संगठन में हो सकते है नए पद क्रिएट
- उपाध्यक्ष और चुनाव महासचिव जैसे नए पद बनाए जा सकते है
- संगठन महासचिव बदलने की रणनीति पर भी विचार
- हिन्दी बेल्ट के किसी नेता को संगठन महासचिव बनाने की तैयारी
इसके अलावा कईं अन्य अहम चेंजिंग भी संगठन की मजबूती के लिए किए जा सकते हैं. शीर्ष लेवल के अलावा ब्लॉक और बूथ लेवल में संगठन में बदलाव किए जाएंगे. बूथ लेवल पर नेटवर्क खड़ा करने के लिए अब कईं एक्सपेरिमेंट किए जाएंगे. कांग्रेस अपनी इस कमजोर कड़ी को अब इग्नोर नहीं मारेगी. अब प्रत्याशी के बजाय पार्टी सीधे बूथ मैनेजमेंट को मॉनिटरिंग करेगी. इसके लिए फुलप्रूफ एक मैकेनिज्म पार्टी में डेवलपमेंट किया जाएगा. बूथ पदाधिकारियों से समय समय पर हाईकमान खुद मुलाकात और चर्चा करते हुए फिर उनकी हौसला अफजाई भी करेंगे.
संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बड़े बदलाव के संकेत खुद अध्यक्ष खड़गे पिछले दिनों सीडब्ल्यूसी बैठक में दे चुके हैं. अब देखना है कि थिंक टैंक बदलाव का ब्लू प्रिंट कब तैयार कर लेता है. फिर हाईकमान की मंजूरी लेकर उस पर मुहर लगाने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ऱखा जाएगा. कमेटी की मुहर लगाते ही उसे फिर लागू कर दिया जाएगा. नए साल में ही इस सारी कवायद को अंजाम दिया जा सकता है.