जयपुर: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में चल रहा है. शंकर मेघवाल हत्याकांड मामले पर कांग्रेस ने बहिर्गमन किया. आज की कार्रवाई का विपक्ष ने बायकॉट किया. सदन में सलूंबर हत्याकांड का मामला गूंजा. सलूंबर हत्याकांड पर कांग्रेस विधायक दल ने हंगामा किया. मुआवजा देने की बात को लेकर हंगामा किया. प्रतिपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए वॉक आउट किया. सलूंबर हत्याकांड को लेकर कांग्रेस विधायकों ने वॉक आउट किया.
मेघवाल हत्याकांड में मुआवजे की मांग की:
PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि दलित शंकर मेघवाल की हत्या हो गई, लेकिन सरकार के जूं तक नहीं रेंगी. चुनाव में बीजेपी नहीं सहेगा राजस्थान कहती थी. सरकार एक रुपए का मुआवजा नहीं दे रही है. हमने सदन में मेघवाल हत्याकांड में मुआवजे की मांग की. सीएम गृह मंत्री हैं, लेकिन हाल बेहाल है. गृह मंत्रालय की चर्चा में कभी कोन जवाब दे रहा है तो कभी कोन. कभी जोगाराम पटेल तो कभी गजेंद्र खींवसर जवाब दे रहे. शंकर मेघवाल मामले में आज तो हद हो गई. सरकार ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा और संविदा पर नौकरी देने के लिए मना कर दिया.
विपक्षी दल ने किया शोरगुल:
कानून व्यवस्था को लेकर विधानसभा में मंत्री का जवाब दिया. संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कन्हैया लाल की हत्या और शंकर लाल की हत्या को क्या एक माना जा सकता है? कन्हैया लाल की हत्या जिस परिस्थिति में जिस उद्देश्य को लेकर की गई. शंकर लाल की हत्या जिसने की उसने तलवार से स्वयं का गला काटकर आत्महत्या कर ली. सरकार समय-समय पर इसकी पूरी जानकारी सदन को देगी. संसदीय कार्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं होते हुए विपक्षी दल ने शोरगुल करना शुरू किया.
आप मुआवजा तय करवा दो, हम सुनने के लिए तैयार:
सभापति संदीप शर्मा ने कहा कि हत्या का कारण तय होगा उसके बाद मुआवजा भी दिया जाएगा. यह मंत्री महोदय का कहना है. विपक्षी सदस्यों ने शंकर लाल को न्याय दो, न्याय दो के नारे लगाना शुरू किया. इसके बाद सभापति की जगह विधानसभा अध्यक्ष आसन पर आए और उन्होंने सब विपक्षी सदस्यों को सीटों पर जाने के निर्देश दिए. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि आसान ने कल व्यवस्था दी थी कि सरकार जवाब देगी. हमारी यही मांग थी कि पीड़ित को मुआवजा दिया जाए, लेकिन सरकार का जवाब आया उसमें एक शब्द भी नहीं कहा गया कि दूसरी घटना होती है सरकार 50 लाख का मुआवजा देती है तो क्या दलित मरता है तो मुआवजा नहीं देना चाहिए. किसी दूसरे व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलती है तो दलित को नौकरी क्यों नहीं मिलनी चाहिए? टीकाराम जूली ने कहा कि आप मुआवजा तय करवा दो, हम सुनने के लिए तैयार है.