जयपुर: कहावत है कि हल्द लगे ना फिटकरी रंग चोखा आए. ग्रेटर नगर निगम इन दिनों इसी राह पर चल चुका है. हाल में ग्रेटर नगर निगम की ओर से वेस्ट टू वंडर पार्क बनाया है. इस पार्क में कबाड़ में पड़ी हुई चीजों से विभिन्न प्रकार की चीजे बनाकर पार्क में डिस्पले किया है. अब यह पार्क खासा चर्चाओं में है मानसरोवर में बने इस पार्क को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है. वहीं निगम के इस नवाचार की खूब चर्चाए भी लोगों के बीच में है.
ना हल्द लगे ना फिटकरी रंग चोखा आए
निगम ने कम बजट में कर दिखाया शानदार कमाल
कबाड से कमाल के मामले में निगम ने मारी बाजी
टूटे कचरा पात्र से बनाया बैठने योग्य स्ट्रेक्चर
लाइट के टूटे पाइपो से बनाया शानदार राउंड स्ट्रेक्चर
पुराने कबाड़ डीजल टैंक से बनाया गया आकर्षक रोवॉर्ट
करीब पांच महीने में कंपलीट हुआ ये सारा स्ट्रेक्चर
उद्यान उपायुक्त नेहा मिश्रा सहित अन्य अधिकारी लगे
आर्किटेक्चर,मैकेनिक ने पहनाया पूरे काम को अम्लीजामा
आमतौर पर पार्कों में ग्रेटर नगर निगम की ओऱ से सालाना करोडों रूपए खर्च कर दिए जाते है. लेकिन उसके बाद भी पार्क पूरी तरह से सही नहीं रह पाते, इसके ठीक विपरीत निगम ने कबाड़ में पड़ी हुई वस्तुओं की सहायता से एक पार्क ऐसा डबलप किया जो कि इन दिनों चर्चाओ में है, उद्धान शाखा की मदद से गैराज शाखा में कबाड़ के रूप में पड़े डस्टबीन, टूटे लाइट के पोल, वाहनो के टायर, लाइटे, डीजल टैंक को आर्कीटेक्ट और मैकेनिक की मदद से इस रूप में ढाला गया है कि सब लोग इन्हे देखकर खासा उत्साहित है. हालाकि इस पार्क को डवलप करने में करीब 5 महीने से ज्यादा का समय लगा, लेकिन इस पार्क में बच्चों के लिए ट्रेन, डेस्टबीन से बना मुख्य द्वार का स्ट्रेक्चर, प्लास्टिक से बनीं टेवल, टायर से बने मिक्की माउस, रोवोर्ट आकर्षण का केंद्र है.
बिना पैसे लगाए निगम ने कबाडा पडे सामान से जिस तरह से पार्क को डबलप किया है जो कि आम जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. उम्मीद की जाती है कि आने वाले दिनों में भी इस तरीके से अन्य पार्क भी डबलप होते दिखेंगे जिससे निगम के राज्सव के साथ साथ अन्य चीजों की भी बचत होगी.