जयपुरः दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की 36वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज तिब्बती बाजार में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर पूरा तिब्बती बाजार बंद रखकर तिब्बती समुदाय ने अपने आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के शांति, अहिंसा और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को याद किया. कार्यक्रम में फर्स्ट इंडिया न्यूज के सीईओ और मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
कार्यक्रम की शुरुआत तिब्बती सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई, जिनमें तिब्बती कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और गीतों के माध्यम से अपनी समृद्ध विरासत का प्रदर्शन किया. मंच पर पहुंचते ही पवन अरोड़ा का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “गांधी के बाद यदि दुनिया में किसी को शांति और अहिंसा का प्रतीक माना जाता है, तो वह दलाई लामा हैं.” उन्होंने कहा कि अहिंसा और सिद्धांतों पर स्थिर रहना आसान नहीं होता, इसके लिए आत्मा की शक्ति और मजबूत इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है.अरोड़ा ने कहा कि दलाई लामा ने जीवनभर शांति, करुणा और पर्यावरण संरक्षण के लिए जो प्रयास किए, उन्होंने दुनिया को प्रभावित किया और इसी को देखते हुए नोबेल कमेटी ने उन्हें सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि दलाई लामा के पर्यावरण-संरक्षण के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाले मानसून में बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाने का आह्वान किया. उन्होंने आश्वस्त किया कि “फर्स्ट इंडिया मीडिया समूह इस अभियान में तिब्बती समाज के साथ रहेगा, इस मौके पर अरोड़ा ने कहा कि तिब्बती व्यापारियों के आवास की व्यवस्था करवाने में भी उनका पूरा सहयोग रहेगा
तिब्बती समुदाय की ओर से तिब्बती रिफ्यूजी होजरी रेडीमेड सेलर यूनियन की प्रमुख ल्हामो ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि तत्कालीन हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा के प्रयासों से तिब्बती बाजार को झूलेलाल मार्केट में स्थायी स्थान मिला और सड़क से बेहतर कनेक्टिविटी हासिल हुई. इससे तिब्बती व्यापारियों को व्यापार करने में वर्षों से चली आ रही कई कठिनाइयों से राहत मिली. उन्होंने कहा कि अरोड़ा जी ने हमेशा तिब्बती व्यापारियों की परेशानी को समझा और समाधान कराया. आज व्यापारियों को जो सुविधा मिल रही है, उसमें उनका बड़ा योगदान है.”ल्हामो ने यह भी कहा कि तिब्बती व्यापार वर्षों से राजस्थान की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा रहा है, ऐसे में प्रशासन और समाज के सहयोग से यह परंपरा और मजबूत होगी. कार्यक्रम में मौजूद तिब्बती व्यापारियों और उपस्थित लोगों ने पवन अरोड़ा का अभिनंदन किया और उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
कार्यक्रम का समापन शांति प्रार्थना के साथ हुआ, जिसमें सभी ने विश्व में शांति, सौहार्द और करुणा के प्रसार की कामना की. तिब्बती समाज के लिए यह कार्यक्रम केवल एक उत्सव नहीं बल्कि अपने आदर्श गुरु के मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराने जैसा था.