चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा, राजस्थान विधानसभा में विधायकों ने इस बारे में क्या कुछ कहा? जानिए

जयपुर: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही जारी है. कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने सदन में अपने संबोधन में कहा कि कोरोना में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने जो काम किया. उसकी प्रशंसा पीएम मोदी ने भी की. भीलवाड़ा मॉडल चर्चित हुआ. मुझे भाजपा सरकार से ये कहना है. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल नए बन रहे, लेकिन पहली प्राथमिकता होनी चाहिए साफ सफाई की. SMS अस्पताल के शौचालय का इस्तेमाल करने से अफसर कतराते हैं. जन औषधि केंद्र पर जैसे आम जन के लिए जेनेरिक दवा मिलती है. वैसे ही जेनरिक दवा मेडिकल स्टोर्स पर मिलनी चाहिए.

मैंने कोरोना काल में हर संभव लोगों की मदद की:
सदन में विधायक महंत बाल मुकुंदाचार्य ने आयुष्मान टावर को ओर संसाधन देने के लिए सरकार का आभार जताया. विधायक महंत बाल मुकुंदाचार्य ने कहा कि मैंने कोरोना काल में हर संभव लोगों की मदद की. कोरोना काल में 15 हजार में भी मुझे एम्बुलेंस नहीं मिल रही थी. मैंने रघु शर्मा जी को भी फोन किए थे. उस कोरोना काल में पूर्व सरकार ने जमकर चांदी कूटी. विधायक महंत बाल मुकुंदाचार्य ने श्रवण कुमार का विरोध किया. डॉक्टर्स को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए कहा कि डॉक्टर्स कलयुग के भगवान है. 

कम से कम 5 साल तक उसका ट्रांसफर नहीं हो:
आपको बता दें कि सदन में चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है. सदन में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि सरकार सदन में घोषणा करें. कोई नया डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ लगता है. उसकी ड्यूटी दूर दराज इलाकों में हो. कम से कम 5 साल तक उसका ट्रांसफर नहीं हो. तभी राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त हो सकती है. वहीं विधायक श्रवण कुमार ने सदन में कहा कि जिनकी नीयत नहीं होती वो बक्शे नहीं जाते. डॉक्टर्स के लिए कहा कि डॉक्टर्स सेवा के लिए बने हैं. भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने सदन में कहा कि बजट में सर्वांगीण विकास हुआ है. कोटा को कैंसर से मुक्ति दिलाने की दिशा में और काम होना चाहिए. किडनी ट्रांसप्लांट की दिशा में अत्याधुनिक विकास की आवश्यकता है.

दुर्घटना बीमा कितने का रहेगा इसको लेकर स्पष्ट नहीं किया:
राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही जारी है. सदन में चिकित्सा सेवाएं और चिकित्सा शिक्षा पर चर्चा हुई. चौमूं विधायक डॉ.शिखा मील बराला ने पक्ष रखा. डॉ.शिखा मील बराला ने कहा कि चिरंजीवी में 25 लाख तक स्वास्थ्य पैकेज और 10 लाख दुर्घटना बीमा देने का काम किया. योजना का नाम बदलकर मां योजना कर दिया. सरकार ने इस योजना में पैकेज कितने का रहेगा और दुर्घटना बीमा कितने का रहेगा इसको लेकर स्पष्ट नहीं किया. योजना में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव सुविधा नहीं जोड़ी गई. 

चिकित्सा शिक्षा की खामियों को बारीकी से रखा:
इसे भी योजना में जोड़ा जाए. शिफू के जरिए पिछली सरकार ने भर्ती निकाली थी, लेकिन अब भाजपा सरकार नियुक्ति देकर वाहवाही ले रही. पिछली सरकार में 12 हजार संविदा कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी. क्या उन युवाओं को नियमित किया जाएगा. डॉ.बराला ने चिकित्सा शिक्षा की खामियों को भी बारीकी से रखा. डॉ.बराला ने चिकित्सकों की भर्ती के नए नियमों को लेकर भी आपत्ति जताई. RUHS में चिकित्सा सुधार के लिए एक डॉक्टर नहीं पूरी यूनिट शुरू करना जरूरी है. CHC,PHC के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 से पैसा वित्त विभाग में अटका हुआ.

चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा:
राजस्थान विधानसभा में चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है. पहले वक्ता के तौर पर भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने विचार रखा. ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा केन्द्रों पर खाली चल रहे पदों पर चिंता जताई. साथ ही सुझाव दिया कि शहरी क्षेत्र के चिकित्सकों के भत्ते बंद किए जाएं. गांवों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों को तनख्वाह के अलावा प्रोत्साहन राशि मिले. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के लिए सुविधा हो. संभागीय स्तर के बड़े स्कूलों में चिकित्सकों के बच्चों को प्रवेश में प्राथमिकता मिले. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सदन में मांग रखी. RUHS का नाम बदलकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के नाम पर करने की मांग रखी. कालीचरण सराफ स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगों पर बोल रहे थे.