सदन में पेयजल की स्थिति पर विचार, PHED मंत्री ने दिया रिप्लाई, तो नेता प्रतिपक्ष बोले-आप गारंटी से कह सकते हैं राजस्थान को पूरा पानी मिलेगा

सदन में पेयजल की स्थिति पर विचार, PHED मंत्री ने दिया रिप्लाई, तो नेता प्रतिपक्ष बोले-आप गारंटी से कह सकते हैं राजस्थान को पूरा पानी मिलेगा

जयपुर: 16वीं राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र जारी है. राज्य में पेयजल की स्थिति पर विचार हुआ. PHED मंत्री कन्हैयालाल रिप्लाई देते हुए कहा कि 1000 करोड़ के जो काम इन्होंने(पिछली सरकार) किए. हमने वो ही काम 100 करोड़ में इस बार किए. मेरे विभाग में इस लेवल का भ्रष्टाचार था. अगर मैं नीचे के स्तर तक जाऊंगा तो एक भी नहीं बचेगा. इसी दौरान विपक्ष ने हंगामा किया. 

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि ERCP के MoU पर बात कर रहे थे. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की मौजूदगी में मध्यप्रदेश के साथ MoU हुआ. हमें हमारे हक का पूरा पानी मिलेगा नौनेरा बांध भी जुड़ा है. एमपी और राजस्थान मिलकर DPR बना रहा. इसकी लागत 48 हजार करोड़ अनुमानित थी. अब हो सकता है इसकी लागत 60 हजार करोड़ भी हो सकती. इसका 90 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देगी. ERCP का जिक्र आते ही नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आप गारंटी से कह सकते हैं राजस्थान को पूरा पानी मिलेगा. MoU सदन में रख दीजिए. इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच नोक-झोंक शुरू हो गई.

आपको बता दें कि आज सदन में चौमूं विधायक शिखा मील ने कहा कि डबल इंजन की नहीं यह फेल इंजन की सरकार' है. 'ना छत्तीसगढ़ से कोयला मिल रहा, ना मध्यप्रदेश से पानी मिल रहा. ना हरियाणा सहयोग कर रहा, ना दिल्ली से सरकार को बजट मिल रहा. इससे पहले विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सदन में नर्मदा और इंदिरा गांधी नहर का रुका हुआ कार्य शुरू करने की मांग की. सीमांत क्षेत्र में ERCP जैसी योजना लाने की भी मांग की. वेस्टर्न राजस्थान में पेयजल योजना लाने की मांग की. वहीं बगरू विधायक कैलाश वर्मा ने कहा कि बीसलपुर की योजना को लेकर पिछली सरकार में किसने राजनीति की? 

ऐसे चेहरे सरकार बेनकाब करें ? जनता का क्या कसूर था जो काम पूरा होने के बाद भी बगरू को पीने का पानी ही नहीं दिया? चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह ने चम्बल के पानी सप्लाई की मांग करते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ को डार्क जोन से सरकार वापस बाहर निकाले. बोरिंग में 600 फीट तक की सरकार अनुमति दे. हैंडपम्पों की मरम्मत के लिए मिस्त्री भर्ती करने की मांग रखी.