सवाई माधोपुर में बारिश के चलते स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी, भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर कक्षा 8 वीं तक अवकाश घोषित

सवाई माधोपुर में बारिश के चलते स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी, भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर कक्षा 8 वीं तक अवकाश घोषित

सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर जिले में बारिश के चलते स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी कर दी गई. जिले में भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर कक्षा 8वीं तक अवकाश घोषित किया. जिले में 30 और 31 जुलाई का 2 दिन का घोषित अवकाश किया गया. सभी राजकीय,निजी विद्यालयों में प्राथमिक,उच्च प्राथमिक स्तर की कक्षाओं में अवकाश रहेगा. हालांकि विद्यालय स्टाफ को विद्यालय में उपस्थित रहकर काम-काज निपटाना होगा. जिला कलेक्टर कानाराम ने आदेश जारी किए.

खंडार क्षेत्र से होकर गुजर रही चंबल नदी अपने पूरे उफान पर:
सवाईमाधोपुर जिले के खंडार क्षेत्र से होकर गुजर रही चंबल नदी अपने पूरे उफान पर है. कोटा बैराज, नवनेरा बैराज और पार्वती नदी से पानी की भारी आवक हो रही है. आज सुबह पाली घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 194.50 आरएल मीटर दर्ज किया गया. जबकि 197 आरएल मीटर चंबल नदी का उच्चतम जलस्तर है. 198 आरएल मीटर को चंबल नदी के खतरे का निशान माना जाता है. ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी पूरे अलर्ट मोड में है. चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर को देख संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों में प्रशासन जुटा. जिला कलेक्टर कानाराम के निर्देशन में एक्टिव मोड में प्रशासनिक अधिकारी है. सवाईमाधोपुर कार्यवाहक SDM दामोदर सिंह, खंडार SDM ज्योत्सना खेड़ा फील्ड में जुटे हैं. नदी के समीप बसे गांवों का दौरा कर बाढ़ पूर्व तैयारियों में जुटे हैं.

इंद्रदेव की महर और मानसून दे रहा खुशखबरी :
इंद्रदेव की महर और मानसून खुशखबरी दे रहा है. जुलाई माह में ही जिले के अधिकांश बड़े बांध छलक उठे.  बांधों के छलक उठने के बाद बड़ा ही मनमोहक प्रकृति का नजारा नजर आ रहा है. जिले के सबसे बड़े और 980 MCFT क्षमता वाले ढील बांध पर डेढ़ फीट पानी की चादर चल रही है. करीब 618 MCFT क्षमता वाला मानसरोवर बांध भी पूरी तरह से लबालब हो चुका है. 299 MCFT क्षमता वाले गलाई सागर बांध पर 3 इंच पानी की चादर  चल रही है. 289 MCFT क्षमता वाले देवपुरा बांध पर 6 इंच पानी की चादर चल रही है.

सूरवाल बांध भी छलकने को आतुर:

277 MCFT क्षमता वाले भगवतगढ़ बांध पर 3 इंच पानी की चादर है. 918 MCFT क्षमता वाला सूरवाल बांध भी छलकने को आतुर और जल्द खुशखबरी दे सकता है. जिले के बड़े बांधों की बात करें तो केवल मोरा सागर बांध का भरना अभी बाकी है.  इसके अतिरिक्त नागोलाव बांध और गंडाल बांध पर भी पानी की चादर चल रही है. पिछले साल भी जिले के छोटे बड़े सभी 18 बांध लबालब हो गए थे. जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण शर्मा पूरी तरह से मॉनिटरिंग कर रहे है. बांधों की डाउनस्ट्रीम और नदी नालों से दूर रहने की हिदायत दी जा रही है.