नई दिल्ली: हरिभाऊ किशनराव बागड़े राजस्थान के नए राज्यपाल बन गए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नियुक्ति की हैं. हरिभाऊ किशनराव बागड़े महाराष्ट्र के बेहद साधारण परिवार से आते है. आजीविका के लिए सालों तक औरंगाबाद के फुलंब्री में अखबार बेचा. मिलनसारिता,लोकप्रियता देख बीजेपी ने बागड़े को 1985 में टिकट दिया और पहली बार विधायक बनकर हरिभाऊ बागड़े विधानसभा पहुंचे. चार बार विधायक रहे बागड़े ने विधानसभा स्पीकर का पद भी संभाला . महाराष्ट्र में रोजगार मंत्री के रूप में भी बेहतर कार्य किया. एक समय गोपीनाथ मुंडे के करीबियों में बागड़े की गिनती होती थी. हरिभाऊ ने गोपीनाथ मुंडे के साथ मराठवाड़ा में बीजेपी के लिए काम किया.
17 अगस्त 1945 को हुआ था राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का जन्म:
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का जन्म 17 अगस्त 1945 को हुआ था. महाराष्ट्र के औरंगाबाद के चित्तेपिंपळगांव में जन्म हुआ था. अपनी सादगी और मृदुभाषी के रूप में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े की पहचान है. हरिभाऊ बागड़े 6 बार विधायक रहे हैं. पहली बार 1985 में औरंगाबाद पूर्व से विधायक बने थे. 1985, 1990, 1995 और 1999 में औरंगाबाद पूर्व से विधायक चुने गए थे. जबकि फुलंब्री विधानसभा से 2014 और 2019 में विधायकी का चुनाव जीता. 2019 में कांग्रेस के कल्याण काले को 1 लाख से अधिक वोटों से हराया था. स्वच्छ छवि वाले हरिभाऊ ने हमेशा खुद से ज्यादा काम को तवज्जो दी.
सादगी और कर्मठ नेता के रूप में हरिभाऊ की पहचान:
महाराष्ट्र में सादगी और कर्मठ नेता के रूप में हरिभाऊ की पहचान है. जबरदस्त जनसंपर्क वाले और अपने क्षेत्र के लोगों में खासे लोकप्रिय है. सफेद कुर्ता, धोती और सिर पर गांधी टोपी हरिभाऊ बागड़े की पहचान है. हरिभाऊ 13 साल की उम्र में RSS से जुड़े थे. 1965 से 1969 तक संघ के मुखपत्र साप्ताहिक 'विवेक' में काम किया. 1967 से 1972 तक औरंगाबाद में जनसंघ के लिए कार्यकर्ता के रूप में समर्पित हुए. आपातकाल के वक्त भी RSS और जनसंघ के नेताओं की खूब मदद की. साथ ही पत्रकार के रूप में आपातकाल की रोज की खबरें भी जनता तक पहुंचाते थे. ऐसे में धीरे-धीरे अपने क्षेत्र की जनता में हरिभाऊ खासे लोकप्रिय हुए. हरिभाऊ बागड़े ने अपने क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में 'दूध सोसायटी' की भी स्थापना की. चीनी मिल में क्षेत्र के लोगों को रोजगार दिलाने का भी काम बखूबी किया. हरिभाऊ देवगिरी नागरी सहकारी को-ऑपरेटिव बैंक के उपाध्यक्ष भी रह चुके है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की राज्यपाल के रूप में नियुक्ति:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल के रूप में नियुक्ति की. जब हरिभाऊ बागड़े ने विधानसभा अध्यक्ष रहते रोचक किस्सा सुनाया. हरिभाऊ 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर रहे. उस वक्त विपक्ष के नेता हरिभाऊ बागड़े पर बातों को जानबूझकर नहीं सुनने का आरोप लगाते थे. राष्ट्रवादी के जयंत पाटिल ने उस वक्त विधानसभा में इसका कारण पूछा था. तब हरिभाऊ बागड़े ने खुद इसके पीछे की कहानी बताई थी. कहा था-'आपातकाल के दौरान मैंने तपती धूप, हवा,ठंड और बारिश की परवाह नहीं की और दिसंबर में ठंड के मौसम में भी लगातार घूमता रहा. इस दौरान मैं बेहोश हुआ और मेरे कान सुन्न हो गए. अस्पताल नहीं जाकर मैं 2-3 दिन घर पर रहा जिसका असर मेरे कानों पर हुआ. मेरे जिले के लोगों को इसके बारे में पता है.