जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस में तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज कांग्रेस के दिग्गज नेता बीजेपी ज्वाइन कर रहे.इनमें प्रमुख नाम है पूर्व केंद्रीय मंत्री लाल चंद कटारिया,पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव,पूर्व सांसद, एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा, रिछपाल मिर्धा ,आलोक बेनीवाल,सुरेश चौधरी,विजयपाल मिर्धा,रामपाल शर्मा सरीखे प्रमुख नाम, लेकिन इतिहास गवाह है कि पहले भी जाट नेताओं का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने का इतिहास रहा है. महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले जिन नेताओं की सूची सामने आ रही वो वाकई में किसी सुनामी से कम नहीं है.राजस्थान के राजनीतिक इतिहास पर अगर हम गौर फरमाए तो राजस्थान के कांग्रेस,लोकदल और जनता दल के कद्दावर नेताओं का अपना सियासी पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने का पुराना इतिहास रहा है.
बीजेपी में जाने का पुराना इतिहास:
-मालानी की धरती पर जन्मे और गंगाराम चौधरी को भैरों सिंह शेखावत बीजेपी में ले गए थे
-गंगाराम चौधरी प्रदेश की सरकारों में विभिन्न महकमों के कैबिनेट मंत्री रहे
-ठीक ऐसे ही वसुंधरा राजे ले गई थी कर्नल सोनाराम को बीजेपी में,हालांकि कर्नल सोनाराम वापिस कांग्रेस में लौट आए है
-शेखावाटी की दिग्गज नेता सुमित्रा सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी की ओर रुख किया था, बीजेपी में रहते हुए वह राजस्थान विधानसभा की अध्यक्ष बनी,बाद में कांग्रेस में लौट भी आई थी
- जाट समाज को आरक्षण दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले और शेखावाटी के प्रखर लीडर डॉ हरी सिंह ने भी बीजेपी का रुख किया था,वे सीकर के सांसद रहे,राज्य सरकारों में चिकित्सा मंत्री के तौर पर पहचान रही
- प्रखर किसान नेता परसराम मदेरणा को उनके चुनावी जीवन का एक चुनाव हराकर सियासी सनसनी फैलाने वाले नारायण राम बेड़ा ने भी बीजेपी का रुख किया ,कांग्रेस में भी गए और फिर बीजेपी में लौट आए
-जनता दल से निकलकर अजमेर के जाट नेता सांवरलाल जाट ने भी भारतीय जनता पार्टी का रुख किया था और भैरों सिंह शेखावत और राजे सरकार में मंत्री रहे
- मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखने वाले किसान नेता नाथू राम मिर्भा के बेटे भानु प्रकाश मिर्धा ने भी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की और सांसद बने थे,उन्हें भैरों सिंह शेखावत लाए थे
- हाल ही में चूरू से टिकट कटने के कारण चर्चित राहुल कसवां के पिता राम सिंह कसवां भी लोकदल-जनता दल के रास्ते बीजेपी में आए,1991 में भैरों सिंह शेखावत ने से टिकट दिलवाया था
- हाल ही में राजगढ़ के प्रतिष्ठित नंद लाल पूनिया परिवार ने भी कांग्रेस को अलविदा कह कर बीजेपी का रुख कर लिया
- पूर्व मंत्री जीतराम चौधरी ने भी जनता दल से कांग्रेस का रुख किया था, इन्हें भी भैरों सिंह शेखावत बीजेपी में लेकर गए
- कद्दावर जाट नेता विजय पूनिया का अतीत
कांग्रेस में था, विजय पूनिया की मां गौरी पूनिया कांग्रेस से विधायक रही,फिर वसुंधरा राजे लेकर विजय पूनिया और उनकी पत्नी उषा पूनिया बीजेपी में चले गए.. ऊषा पूनिया आगे चलकर राजे सरकार में मंत्री बनी
- सुभाष महरिया का अतीत भी कांग्रेस का रहा , कद्दावर रामदेव सिंह महरिया के भतीजे,बीजेपी में आकर सीकर से सांसद का टिकट मिला,बलराम जाखड़ को हराया ,केंद्र में मंत्री बने ,हाल ही में बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा से हार गए थे
- भरतपुर के पूर्व महाराज विश्वेंद्र सिंह जनता दल से बीजेपी में आए , इनकी पत्नी दिव्या सिंह भी बीजेपी सांसद रही ,आज विश्वेंद्र सिंह कांग्रेस में है
- नहरी क्षेत्र के किसान नेता बीजेपी के पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया भी जनता दल से बीजेपी में आए
- हनुमानगढ़ से कद्दावर नेता डॉ रामप्रताप भी जनता दल से बीजेपी में आए ,राजे सरकार में प्रभावी मंत्री थे
- कद्दावर कांग्रेस किसान नेता चौधरी आत्मा राम के बेटे कृष्ण कड़वा भी कांग्रेस से बीजेपी में आए और विधायक बने थे , विनोद लीलावाली इन्ही के भाई है...लोकसभा अध्यक्ष रहे बलराम जाखड़ के भांजे भी है
- जनता दल से ही मारवाड़ के नेता पूर्व राजस्व मंत्री रामनारायण डूडी भी बीजेपी में आकर मंत्री बने
- पचपदरा के चौधरी अमराराम भी कांग्रेस से होते हुए बीजेपी में आए राजे सरकार में राजस्व मंत्री बने ,आज इनके पूर्व अरुण अमराराम चौधरी बीजेपी के विधायक है
- जनता दल से सहाड़ा के किसान नेता रतन लाल जाट ने भी अपना दल छोड़कर बीजेपी का रुख किया ,राजस्थान सरकार में मंत्री बने
- लोकदल जनता दल से ही शेखावाटी के नेता गोपाल सिंह खंडेला ने बीजेपी का रुख किया था,इनके बेटे बंशीधर बाजिया को राजे सरकार में मंत्री बनने का गौरव मिला
- लोकदल जनता दल के मार्ग से ही तारानगर के नेता जय नारायण पूनिया भी बीजेपी में आए ,शेखावत सरकार में मंत्री भी रहे थे
- पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री और गांधी परिवार के विश्वस्त रहे कुंवर नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह आज बीजेपी के विधायक है.. नदबई से जगत सिंह है बीजेपी के विधायक है
- भरतपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली
पूर्व मंत्री कृष्णेद्र कौर दीपा का अतीत भी गैर बीजेपी रहा ,वे राजे सरकार में पर्यटन मंत्री थी
अब लाल चंद कटारिया,रिछपाल मिर्धा ,विजय पाल मिर्धा ,आलोक बेनीवाल और सुरेश चौधरी बीजेपी में जा रहे .बीजेपी इनके जरिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधेगी
- लाल चंद कटारिया कद्दावर कांग्रेस नेता
पूर्व केंद्रीय मंत्री और गहलोत सरकार में कृषि मंत्री रहे थे
पूर्व स्पीकर सीपी जोशी के खास है लाल चंद कटारिया
गहलोत कैंप से रही निकटता
इनके पिता रामप्रताप कटारिया भी आमेर से कांग्रेस से विधायक रहे थे
जयपुर देहात के किसान बेल्ट पर पकड़
- रिछपाल मिर्धा कद्दावर कांग्रेस नेता
किसान मसीहा नाथू राम मिर्धा के सियासी वारिस के तौर पर इन्हें देखा जाता रहा है
नाथू राम मिर्धा के भतीजे है रिछपाल मिर्धा
दो बार डेगाना से कांग्रेस से विधायक रहे
पहले भी एक बार बीजेपी का रुख कर चुके
रिछपाल मिर्धा और लाल चंद कटारिया के बीच रिश्तेदारी है
- आलोक बेनीवाल पूर्व विधायक
शाहपुरा से निर्दलीय विधायक रहे थे
कांग्रेस की कद्दावर नेता और पूर्व राज्यपाल डॉ कमला के बेटे है आलोक
पहली गहलोत सरकार में उप मुख्यमंत्री भी रही डॉ कमला
गुजरात की राज्यपाल के रूप में ख्याति मिली
जीवन भर कांग्रेस, खादी और सादगी के प्रति समर्पित रही
- सुरेश चौधरी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस सेवादल
शेखावाटी के सुरेश चौधरी पीसीसी में कई पदों पर रहे
कुशल संगठन कर्ता की इमेज रही
चौधरी को कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष के तौर पर ख्याति मिली
आलोक बेनीवाल और सुरेश चौधरी के बीच रिश्तेदारी रही
बहरहाल कांग्रेस नेताओं का अपने मूल दल छोड़कर बीजेपी में जाने का इतिहास है.कांग्रेस के प्रखर जाट नेताओ का बीजेपी में जाकर पद और प्रतिष्ठा हासिल करने का गौरवशाली इतिहास रहा.कुछ तो ऐसे है जिन्होंने बीजेपी में जाने के बाद विचार परिवार की रीति नीति भी समझ ली.