बीकानेर: भारत और अमेरिका के सशस्त्र बलों के बीच चल रहा युद्ध अभ्यास 2024 अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में इस अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है, जहां दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद और विद्रोह विरोधी अभियानों में संयुक्त रूप से अभ्यास कर रही हैं.
राजस्थान के रेगिस्तानी धोरे एक बार फिर भारत और अमेरिका के सशस्त्र बलों के संयुक्त युद्धाभ्यास के साक्षी बने अपाचे, रुद्रा प्रचण्ड हेलीकॉप्टर का एक्शन दिखा तो गरजी आर्टलरी गन, चौकन्ना दिखा बम स्क्वाड. 14 दिनों में दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे से बहुत कुछ सीखा. इस युद्ध अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के तहत आतंकवाद और विद्रोह विरोधी अभियानों का प्रशिक्षण देना था. अभ्यास के दौरान भारतीय और अमेरिकी सैनिकों ने जटिल सामरिक युद्धाभ्यास, लाइव-फायर ड्रिल्स और संयुक्त वायु अभियानों का बेहतरीन समन्वय दिखाया. इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच परिचालन अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना और वास्तविक युद्ध की स्थिति में संयुक्त कार्यवाही को और बेहतर करना था.
यह अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक अहम कदम है. दोनों देशों के सैनिकों ने इस दौरान बेहतरीन समन्वय का प्रदर्शन किया, जिससे हमारी संयुक्त युद्ध क्षमताएं और भी बेहतर होंगी.
--- इस युद्धाभ्यास के प्रमुख पहुलुओं पर एक नज़र ---
- पैदल सेना, तोपखाना और वायु अभियानों का एकीकृत संचालन
- इंजीनियर्स कॉर्प्स द्वारा IED विरोधी तकनीकों का अभ्यास
- सामरिक अवरोधन, सटीक निशानेबाजी और बाधा निर्मूलन अभ्यास
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने इस युद्धाभ्यास में प्रदर्शित तकनीक और आपसी सहयोग की सराहना की. उन्होंने इसे भविष्य के संयुक्त अभियानों के लिए सेनाओं की तत्परता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया.
युद्ध अभ्यास 2024 भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी का प्रतीक है, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अब देखना होगा कि भविष्य में इस साझेदारी से दोनों देशों की सेनाएं और किस तरह से एक साथ आकर वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करती हैं.