जयपुर एयरपोर्ट को मिला एरोड्रम लाइसेंस, अब अडानी समूह लेगा सारे निर्णय; अथॉरिटी का दखल नहीं रहेगा

जयपुर: राजधानी जयपुर के सांगानेर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के संचालन को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है. एयरपोर्ट का संचालन अडानी समूह को किए जाने के डेढ़ साल बाद अब एयरपोर्ट ऑपरेटर अडानी समूह को इसका एयरोड्रम लाइसेंस भी जारी हो गया है. नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने अगले साढ़े 4 साल की अवधि के लिए यह लाइसेंस जारी किया है. 

आपको बता दें कि 11 अक्टूबर 2021 को जयपुर एयरपोर्ट का संचालन अडानी समूह को सौंपा गया था. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अगले 50 साल के लिए एयरपोर्ट का संचालन अडानी समूह को दिया है. इसके बाद 7 अक्टूबर 2022 को एयरपोर्ट का एयरोड्रम लाइसेंस अडानी समूह की कम्पनी जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नाम जारी हुआ था. हालांकि शुरू में यह लाइसेंस मात्र 6 माह की अवधि के लिए जारी हुआ था. लेकिन अब डीजीसीए ने अडानी समूह को एयरोड्रम लाइसेंस 6 अक्टूबर 2027 तक की अवधि के लिए जारी किया है. इस दौरान एयरपोर्ट पर संचालन से जुड़े सभी निर्णय अडानी समूह ही करेगा. अब एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन में एयरपोर्ट अथॉरिटी का दखल पूरी तरह खत्म हो जाएगा.

किस आधार पर मिला लाइसेंस ?

- शुरू में अडानी समूह को 7 अक्टूबर 2022 से 6 अप्रैल 2023 के लिए लाइसेंस मिला.

- 6 माह की अवधि में डीजीसीए द्वारा एयरपोर्ट ऑपरेटर के कार्यों की निगरानी की गई.

- इस दौरान डिटेल्ड ऑडिट भी की गई.

- सुरक्षा व्यवस्था, रनवे एरिया प्रबंधन, एप्रन मैनेजमेंट

- ऑपरेशन्स को संभालने, टर्मिनल-2 का प्रबंधन देखा गया.

- कमर्शियल एरिया यानी दुकानों, रेस्टोरेंट में AERA नियमों की पालना देखी गई.

- एन्वार्यनमेंट मैनेजमेंट को लेकर हरियाली, कार्बन उत्सर्जन प्रबंधन को देखा गया.

- डीजीसीए ने एयरपोर्ट संचालन में इस दौरान कुछ आपत्तियां भी जताई.

- इनके सुधार करने के आधार पर समूह को 6 अक्टूबर 2027 तक के लिए मिला लाइसेंस.

- लाइसेंस अवधि के दौरान भी हर साल सभी बिन्दुओं की ऑडिट कराई जाएगी.

- एयरपोर्ट का लाइसेंस अडानी समूह को होने से अब निर्णय लेने में आसानी होगी.

- नए टर्मिनल भवन बनाने, यात्री सुविधाओं के विकास कार्य समूह कर सकेगा.

- एयरपोर्ट पर आगामी समय में टर्मिनल-3 का निर्माण कराया जाना है प्रस्तावित.