शिव और पार्वती के मिलन का दिन महाशिवरात्रि 26 को, 1965 के बाद फिर से सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में करेंगे गोचर

शिव और पार्वती के मिलन का दिन महाशिवरात्रि 26 को, 1965 के बाद फिर से सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में करेंगे गोचर

जयपुर : शिव और पार्वती के मिलन का दिन महाशिवरात्रि 26 को है. 1965 के बाद फिर से सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे. मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में यही तीन ग्रह युति बनाएंगे. इस प्रबल योग में की गई साधना आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति प्रदान करती है. पराक्रम और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सूर्य-बुध के केंद्र त्रिकोण योग का बड़ा लाभ मिलेगा. 

महाशिवरात्रि पर होगी चार पहर की पूजा:
इस महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा होगी. निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जा सकेंगी. चार प्रहर की पूजा का समय यह रहेगा. 
- प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 6:22 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक
- द्वितीय प्रहर रात्रि 9:30 बजे से मध्यरात्रि 12:39 बजे तक,
- तृतीय प्रहर पूजा का समय मध्यरात्रि 12:40 बजे से 27 फरवरी प्रातः 3:48 बजे तक
- चतुर्थ प्रहर पूजा का समय 27 फरवरी को प्रातः 3:49 बजे से प्रातः 6:57 बजे तक रहेगा

महाशिवरात्रि पर मंदिरों में रहेंगे विशेष इंतजाम :
महाशिवरात्रि पर राजधानी जयपुर के मंदिरों में विशेष इंतजाम रहेंगे. झाड़खंड महादेव मंदिर में 200 से अधिक स्वयंसेवक व्यवस्थाएं संभालेंगे. महिला-पुरुष की लाइनें अलग-अलग होंगी. बुजुर्गों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था रहेगी. सुबह 4.30 बजे पट खुलेंगे और रात 12 बजे पट बंद होंगे. शाम चार बजे तक जलाभिषेक होगा. 

इसके बाद विशेष झांकी सजाई जाएगी. थाईलैंड, बेंगलुरु से भी विशेष फूल मंगवाए जाएंगे. शाम को भजन संध्या होगी. खोले के हनुमान जी मंदिर स्थित आनन्देश्वर महादेव का विशेष जलाभिषेक होगा. पुष्करराज के पवित्र जल से जलाभिषेक कर चार पहर की पूजा होगी. कूकस स्थित 12 ज्योतिर्लिंगेश्वर सदाशिव महादेव मंदिर में बिल्वपत्र, गंगाजल बांटा जाएगा. 

धूलेश्वर महादेव, चमत्कारेश्वर महादेव, जंग्लेश्वर महादेव, रोजगारेश्वर महोदव सहित अन्य दो दर्जन से अधिक बड़े मंदिरों में पूजा होगी. अलग-अलग ज्योर्तिलिंगों के रूप में भोलेनाथ का मनमोहक शृंगार होगा.

 

मोतीडूंगरी पहाड़ी स्थित एकलिंगेश्वर महादेव रहेगा बंद :
वहीं मोतीडूंगरी पहाड़ी स्थित एकलिंगेश्वर महादेव बंद रहेगा. लगातार पांचवी साल मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा. भक्तों को पूरे साल रहता इस मंदिर के खुलने का इंतजार है. लेकिन इस साल भी भक्तों के लिए मंदिर के पट नहीं खुलेंगे.