राजस्थान में खनन विभाग छू रहा नए आयाम ! दुर्लभतम खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट एक्सीलेंस सेंटर की दिशा में बढ़ते कदम

जयपुरः प्रदेश में रेयर अर्थ एलिमेंट के भण्डारों के आगामी एक्सप्लोरेशन के साथ ही उनके खनन व प्रसंस्करण की विपुल संभावनाओं को देखते हुए राज्य में उच्च स्तरीय गुणवत्तायुक्त आरईई एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किया जाएगा. राज्य सरकार ने बजट में इसके लिए घोषणा की थी. 

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जो स्वयं खान मंत्री भी है के दूरगामी सोच व मार्गदर्शन के अनुसार प्रदेश में अन्य खनिजों के खोज व खनन के साथ ही दुलर्भतम और वर्तमान युग में अतिमहत्वपूर्ण खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट के खनन, व्यापक एक्सप्लोरेशन, शोध, अध्ययन व देश दुनिया की आधुनिकतम तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देते हुए इससे जुड़े प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में एक्सीलेंस सेंटर खोलने की बजट घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मंशा के अनुसार खनन शोध व अध्ययन से जुडी देश के जानी मानी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं और विशेषज्ञों से संवाद कायम किया जा जा रहा है ताकि प्रदेश में स्थापित होने वाला आरईई एक्सीलेंस सेंटर देश का प्रमुख सेंटर होने के साथ ही बहुआयामी व बहुउपयोगी हो सके. खान सचिव आनन्दी खनिज भवन से उपस्थित विशेषज्ञों के साथ ही देश की नामी गिरामी संस्थाओं के विशषज्ञों से वर्चुअली संवाद कायम कर रही थी. उन्होंने बताया कि राजस्थान के बाड़मेर, जालौर, सिरोही, पाली, उदयपुर, भीलवाड़ा, नागौर, अजमेर, जयपुर के नीम का थाना, राजसमंद, सीकर, बांसवाड़ा आदि जिलों में दुर्लभतम खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट के भण्डार मिलने के आरंभिक संकेत मिल चुके हैं. प्रदेश के इन क्षेत्रों में कार्बोनेटाइट्स व माइक्रोग्रेनाइट चट्टानों में बस्तनासाइट, ब्रिटोलाईट, सिंचीसाइट और जेनोटाइम रेयर अर्थ एलिमेंट्स के भण्डार सिद्ध हुए हैं. 

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उच्च स्तरीय गुणवत्तायुक्त आरईई एक्सीलेन्स सेंटर आरंभ करने के निर्देश दिए हैं. भजन लाल शर्मा को मानना है कि इससे प्रदेश में एयरोस्पेस से लेकर बेटरी, लेजर बेटरी सहित विभिन्न उद्योग की स्थापना, निवेश, रोजगार, तकनीकी विकास के अवसर विकसित होंगे. सबसे खास बात यह कि आरईई के क्षेत्र में चीन पर 95 प्रतिशत निर्भरता को कम किया जाकर देश में ही कच्चे माल की प्रोसेसिंग से लेकर प्रसंस्करण तक का कार्य हो सकेगा. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि कि रेयर अर्थ एलिमेेंट के एक्सप्लोरेशन और खनन आरंभ होने के साथ ही एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना से इस क्षेत्र में देश दुनिया की नवीनतक तकनीक की जानकारी व उसके उपयोगको बढ़ावा दिया जा सकेगा. इससे प्रदेश की तस्वीर बदलने के साथ ही चीन पर निर्भरता में कमी आएगी. चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने राज्य सरकार द्वारा एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने के निर्णय के साथ ही जिस तरह से देश व प्रदेश के खनिज क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं, नागी गिरामी शैक्षिक संस्थानों और इस क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों के साथ संवाद कायम कर आइडिया और अनुभव को साझा किया जाने की सराहनीय व दूरगामी सोच की पहल है और उससे निश्चित रुप से देश का प्रमुख एक्सीलेंस सेंटर स्थापित हो पाएगा. बैठक में जीएसआई के संजय सिंह, इण्डियन रेयर अर्थ लि. मुुबई के दीपेन्द्र सिंह व नरोत्तम मिश्रा, निदेशक सीएसआईआर डॉ. रामानुजन, रामगढ़ मिनरल माइनिंग बैंगलोर के डॉ. ओपी सोमानी, एटोमिक मिनरल डिविजिन हैदराबाद व जयपुर, एमईसीएल, कोल इंडिया, आईएमएमटी भुवनेश्वर, एनएमएल जमशेदपुर, सीआईएमएफआर धनवाद, रेयर अर्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया तिरुपति, तिरुवननंतपुरम, केरल कोलम, मुंबई, एनएमडीसी हैदराबाद ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कि इससे देश में आरईई के एक्सप्लोरेशन से लेकर रिफाइनिंग, सेपरेशन और इससे जुड़ें कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीक व डवलपमेंट और रिसर्च को बढ़ावा मिल सकेगा. संवाद के दौरान विभाग के जियोलोजी विंग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.