नई दिल्ली: कोंचिंग सेंटर्स के मनमाने रवैये पर केंद्र सरकार ने लगाम कसने की तैयारी कर ली है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हालही में इन प्राइवेट कोंचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. इन गाइडलाइंस के अनुसार अब कोई भी कहीं भी और कभी भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा. सरकार का मानना है कि इससे देश में बढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के मामलों में भी काफी कमी आ सकती है.
- कोंचिंग सेंटर्स स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं कर सकता. संस्थान ऐसे किसी भी शिक्षक और अन्य व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकता जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध में दोषी ठहराया गया हो.
- विद्यार्थियों का कोचिंग संस्थान में नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए.
- कोचिंग संस्थानों की एक वेबसाइट होगी, जिसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, कोर्स पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और लिए जाने वाले शुल्क का विवरण होगा.
- विद्यार्थियों को तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने होंगे. उन पर अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए. तनावपूर्ण स्थितियों में विद्यार्थियों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप के लिए व्यवस्था करनी होगी.
- पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए. शुल्क की रसीद दी जानी चाहिए. अगर छात्र बीच में ही पाठ्यक्रम छोड़ता है तो बची हुई अवधि की फीस लौटानी होगी.
- 6 एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं चलेंगी. सुबह अर्ली मार्निंग और लेट नाइट क्लास नहीं होंगी।
- छात्रों और शिक्षकों को वीक ऑफ मिलेगा.
- 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा.
आपको बता दे कि कोचिंग सेंटर्स की गाइडलाइन के अनुरूप नियम और शर्तों के उल्लंघन करने पर कोचिंग सेंटर को भारी जुर्माना देना होगा. पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार, दूसरी बार एक लाख और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन कैंसल करने के साथ भारी जुर्माना लगाया जाएगा.