VIDEO: अब जगजाहिर होगी चिकित्सकों की कार्रवाई ! कार्य में लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ RMC की सख्ती, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश में "अनेथिकल प्रेक्टिस" करने वाले चिकित्सकों के नाम अब जगजाहिर होंगे राजस्थान मेडिकल काउंसिल ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई करेगी, बल्कि उनके नाम वेबसाइट पर "रेड-फ्लैग" के साथ सार्वजनिक भी किए जाएंगे. एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह के निर्देश पर RMC ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. जिसकी तस्वीर जल्द ही काउंसिल की वेबसाइट पर नजर आएगी. आखिर क्या है नई कवायद और इससे क्या फायदा होगा.

इलाज में लापरवाही हो या फिर अवैध गतिविधियां किसी भी चिकित्सक की ऐसी शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई का अधिकार राजस्थान मेडिकल काउंसिल के पास है. काउंसिल की एथिकल कमेटी के पास मामला आता है, जहां सुनवाई के बाद जीबीएम में मामला भेजा जाता है. कमेटी हर पक्ष को ध्यान में रखते हुए दोषी डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन निरस्त या फिर कुछ समय के लिए निलंबित करने जैसी कार्रवाईयां करती है. ये कार्रवाई अभी तक कागजों में सिमटी होती थी,जिसके चलते दोषी चिकित्सक के कृत्य के बारे में जनता बेखबर होती थी. लेकिन काउंसिल ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही और सख्ती भी करने जा रही है, जिसके तहत उनके नाम व कार्रवाई का विवरण वेबसाइट पर "रेड-फ्लैग" में दर्शाया जाएगा.

लापरवाह चिकित्सकों की गलती होगी सार्वजनिक
राजस्थान मेडिकल काउंसिल की नई कवायद से जुड़ी खबर
इलाज में लापरवाही हो या अवैध गतिविधियों में लिफ्ट चिकित्सक
जांच में दोषी चिकित्सकों के नाम न सिर्फ वेबसाइट पर होंगे सार्वजनिक
बल्कि किस प्रकरण में चिकित्सक को दोषी मानकर की गई है कार्रवाई
इसके बारे में भी वेबसाइट पर साझा की जाएगी सम्पूर्ण डिटेल

राजधानी जयपुर समेत कई जगहों पर ऐसे मामले भी देखने को मिल चुके है कि दोषी डॉक्टर कार्रवाई के बावजूद अपनी प्रेक्टिस चालू रखते है। लेकिन अब ऐसा हो पाना संभव नहीं होगा। राजस्थान मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ.राजेश शर्मा ने बताया कि चिकित्सक पर किस मामले और किस प्रकार की कार्रवाई की गई ये सब सार्वजनिक होगा। ताकी लोगों को भी पता चल पाए। यदि कोई चिकित्सक कार्रवाई के बावजूद प्रेक्टिस करता है तो उसकी सूचना भी इस कवायद से काउंसिल को मिल सकेगी.

राजस्थान मेडिकल काउंसिल की कार्य में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्ती स्वागतयोग्य कदम है. काउंसिल के इस फैसले के बाद "अनेथिकल प्रेक्टिस" में लिप्त चिकित्सकों में जरूर डर पैदा होगा. और वे चिकित्सकीय पेशे की गरिमा को बनाए रखने के प्रति गंभीर होंगे.