मंत्रालयिक कार्मिकों को बदलने के PHQ के आदेश, मंत्रालयिक कर्मचारियों का होगा अनिवार्य पदस्थापन परिवर्तन, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः पुलिस महकमे में वर्षों से एक ही सीट पर काबिज मंत्रायलिक कार्मिकों को अब बदला जाएगा, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीजीपी राजीव शर्मा के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं 

पुलिस मुख्यालय ने विभाग में लंबे समय से एक ही शाखा या अनुभाग में जमे मंत्रालयिक कर्मचारियों को लेकर बड़ा और अहम फैसला लिया है. पारदर्शिता बढ़ाने, कार्य संस्कृति में सुधार लाने और संभावित अनियमितताओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से अब मंत्रालयिक कर्मचारियों का अनिवार्य पदस्थापन परिवर्तन (रोटेशन) किया जाएगा. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी संबंधित इकाइयों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं.निर्देशों के अनुसार, जो मंत्रालयिक कर्मचारी वर्षों से एक ही शाखा या अनुभाग में पदस्थापित हैं, उनका अनिवार्य रूप से स्थानांतरण किया जाएगा. खास तौर पर संवेदनशील शाखाओं में पदस्थापन की अवधि को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं. अब किसी भी मंत्रालयिक कर्मचारी को संवेदनशील शाखा में तीन वर्ष से अधिक समय तक तैनात नहीं रखा जाएगा. निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद संबंधित कर्मचारी को अनिवार्य रूप से अन्य शाखा या अनुभाग में स्थानांतरित किया जाएगा.पुलिस मुख्यालय के आदेशों में स्टोर कीपर पद पर कार्यरत कर्मचारियों को लेकर भी विशेष प्रावधान किए गए हैं. निर्देशों के अनुसार, स्टोर कीपर को एक ही स्थान पर लगातार लंबे समय तक पदस्थापित नहीं रखा जाएगा. यदि किसी स्टोर कीपर का स्थानांतरण किया जाता है, तो उसे उसी स्थान पर दोबारा तैनाती से पहले कम से कम पांच वर्ष का समय अंतराल अनिवार्य होगा. यह व्यवस्था सामग्री प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की गई है.इसके अलावा, किसी भी मंत्रालयिक कर्मचारी को उसी शाखा या अनुभाग में पुनः पदस्थापित करने से पहले पांच साल का ‘कूलिंग पीरियड’ अनिवार्य किया गया है. यानी स्थानांतरण के बाद संबंधित कर्मचारी को कम से कम पांच वर्ष तक उसी अनुभाग में वापस नहीं भेजा जा सकेगा. पुलिस मुख्यालय का मानना है कि इस व्यवस्था से एक ही जगह लंबे समय तक जमे रहने की प्रवृत्ति खत्म होगी और कार्य प्रणाली अधिक संतुलित व निष्पक्ष बनेगी.   

पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज, जिला और इकाई प्रमुखों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही आदेशों के अनुपालन को लेकर 15 दिनों के भीतर पालन रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. निर्धारित समयसीमा में रिपोर्ट नहीं भेजने या आदेशों की अनदेखी करने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सकती है.पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालयिक व्यवस्था पुलिस प्रशासन की रीढ़ होती है. ऐसे में रोटेशन प्रणाली लागू होने से न केवल कार्यकुशलता बढ़ेगी, बल्कि विभाग की छवि भी मजबूत होगी. इस फैसले को पुलिस मुख्यालय की एक बड़ी प्रशासनिक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसका असर आने वाले समय में पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर साफ तौर पर दिखाई देगा.