राजस्थान के काश्तकारों के लिए कृषि विभाग की सलाह, फसलों पर घुलनशील गंधक का करें उपयोग

राजस्थान के काश्तकारों के लिए कृषि विभाग की सलाह, फसलों पर घुलनशील गंधक का करें उपयोग

जयपुर: राजस्थान के काश्तकारों के लिए कृषि विभाग ने फसलों को शीतलहर व पाले के प्रकोप से बचाने की सलाह दी है. कृषि विभाग ने कहा कि पाला पड़ने की संभावना हो तो फसलों पर घुलनशील गंधक का उपयोग करें. घुलनशील गंधक 0.2 प्रतिशत या गंधक का तेजाब 0.1 प्रतिशत की दर उपयोग करें.

इसका 1000 लीटर प्रति हैक्टेयर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. काश्तकार ध्यान रखें कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह से लगनी चाहिए. कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है. शीतलहर की संभावना बनी रहे तो छिड़काव को 15-15 दिन के अंतर से दोहराते रहें.  

सरसों, गेहूं, चना, आलू, मटर फसलों को पाले से बचाने में गंधक तेजाब का इस्तेमाल करें. गंधक का तेजाब 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करने पर पाले से बचाव होता है. साथ ही पौधों में लौह तत्व की जैविक एवं रासायनिक सक्रियता बढ़ जाती है. जो पौधों में रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने में एवं फसल को जल्दी पकाने में सहायक है.

धनिये में लग सकता स्टेम गाल (लोंगिया) रोग:
कृषि विभाग ने कहा कि धनिये में स्टेम गाल (लोंगिया) रोग लग सकता है. इससे धनिये के तने पर छोटी छोटी फैली हुई गांठ बन सकती है. धनिये की डोडी की आकृति सिके हुए लोंग जैसे लग सकता है. खड़ी फसल में रोकथाम के लिए बुवाई के 45,60 एवं 75-90 दिन पर दवा छिड़कें. हेक्साकोनाजोल या प्रोपिकोनाजोल दवाई 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से छिड़कें.

मेथी और लहसुन तुलासिता रोग से बचाव की सलाह:
कृषि विभाग ने मेथी और लहसुन में तुलासिता रोग से बचाव की सलाह देते हुए कहा कि इस रोग में मेथी में पत्तियों की निचली सतह पर भूरे रंग का कवक जाल दिखना. साथ ही मेथी की पत्तियों के ऊपर की ओर पीलापन शुरू हो जाता है. लहसुन में पत्तियों पर बैगनी रंग के धब्बे बनना इनका फूलना एवं सूखना हो जाता है. इसके रोकथाम के लिए 0.2 प्रतिशत मैंकोजेब के घोल का छिड़काव करें.