जयपुरः राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण यानि SIR प्रक्रिया को लेकर बड़ी रणनीति तैयार की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी वोट चोरी के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगी. कांग्रेस ने 50 हजार से अधिक बूथ लेवल एजेंट BLA नियुक्त किए हैं, जो मतदाता सूची की सटीकता पर निगरानी रखेंगे और किसी पात्र मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से न कटे, यह सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश में 200 विधानसभा पर्यवेक्षक नियुक्त का फैसला किया है, जो SIR के मुद्दे पर विशेष ट्रेनिंग देंगे.
बिहार की तर्ज पर अब राजस्थान में भी वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIRहोगा. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा की. इनमें राजस्थान भी शामिल है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद राजस्थान में सियासी पारा भी चढ़ चुका है. कांग्रेस ने हालांकि इसका विरोध किया था, लेकिन साथ ही इस प्रक्रिया के लिए अब बड़े स्तर पर रणनीतिक तैयारी भी की है. जिम्मा संभाला है खुद पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने. डोटासरा ने कहा कि SIR प्रक्रिया में बीएलए को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, लेकिन अब तक किसी भी बीएलए को प्रशिक्षण संबंधी सूचना नहीं दी गई. चुनाव आयोग की निष्क्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने खुद पहल करने का निर्णय लिया है. हमने हर विधानसभा क्षेत्र में 200 ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक)** लगाने का फैसला किया है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में बीएलए को प्रशिक्षण देंगे.
कांग्रेस की SIR पर बनी विशेष रणनीति
प्रदेश में 51 हजार बीएलए की नियुक्ति की है कांग्रेस ने
अब प्रत्येक विधानसभा के अनुसार कुल 200 ऑब्जर्वर भी बनाए जाएंगे
ये ऑब्जर्वर बीएलए की ट्रेनिंग और कार्य की मॉनिटरिंग करेंगे
पहले चरण में पीसीसी वॉर रूम में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी
ऑब्जर्वर को सबसे पहले पीसीसी वॉर रूम में पीपीटी से ट्रेनिंद दी जाएगी
इस पीपीटी में SIR से जुड़ी पूरी प्रक्रिया की जानकारी होगी
सभी कानूनी पहलू व बीएलए के अधिकारों के बारे में भी बताया जाएगा
इसके ये ऑब्जर्वर अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर बीएलए को ट्रेनिंग देंगे
बीएलए और पर्यवेक्षकों को यह सिखाया जाएगा कि कौन अधिकारी SIR प्रक्रिया से जुड़े हैं.
किन बातों की निगरानी करनी है
मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया क्या है.
किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है.
शिकायत दर्ज कराने या सत्यापन के कानूनी प्रावधान क्या हैं.
बीएलए न केवल प्रक्रिया की निगरानी करेंगे, बल्कि मतदाताओं को नाम जुड़वाने या त्रुटि सुधार में भी सहायता देंगे.
गोविंद डोटासरा ने कहा कि डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य साफ है—“एक भी पात्र मतदाता का नाम सूची से न कटे और किसी भी तरह की वोट चोरी की गुंजाइश न बचे.” उन्होंने कहा कि यह ट्रेनिंग सिर्फ औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि इसमें कानूनी प्रावधानों से लेकर चुनाव आयोग की तकनीकी प्रक्रिया तक हर बिंदु शामिल होगा.
विशेष गहन पुनरीक्षण चुनाव आयोग द्वारा संचालित मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान है. इसका उद्देश्य है — पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ना, * मृत या स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाना, और मतदाता सूची में मौजूद त्रुटियों को सुधारना. पात्र नागरिक नए नाम जुड़वाने या गलत प्रविष्टियों के खिलाफ आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. बीएलए और बीएलओ घर-घर जाकर जानकारी का सत्यापन करेंगे. अगर राजस्थान की बात करें, तो
28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्र के मुद्रण का कार्य होगा. 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर गणना प्रपत्र के वितरण एवं संग्रहण का कार्य होगा. 9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा. 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे एवं आपत्तियां ली जाएगी. 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक नोटिस फेज रहेगा जिसमें सुनवाई एवं सत्यापन किया जाएगा. 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा.
28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्र के मुद्रण का कार्य होगा
4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर गणना प्रपत्र के वितरण एवं संग्रहण का कार्य होगा
9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा
9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे एवं आपत्तियां ली जाएगी
31 जनवरी 2026 तक नोटिस फेज रहेगा जिसमें सुनवाई एवं सत्यापन किया जाएगा
7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा.